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RTI से नहीं मिलेगी फोन टैपिंग की जानकारी, TRAI के पक्ष में अदालत ने कही ये बात

वकील कबीर शंकर बोस ने एक RTI आवेदन दायर कर जानकारी और विवरण मांगा था कि क्या उनका फोन टैप किया जा रहा था और किस एजेंसी द्वारा फोन टैप किया जा रहा था।

Last Updated- December 25, 2023 | 5:12 PM IST
TRAI

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मोबाइल उपयोगकर्ता के फोन की कथित टैपिंग के बारे में RTI के तहत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार नियामक ‘ट्राई’ को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) द्वारा दिए गए निर्देश को बरकरार रखने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।

न्यायमूर्ति विभु बाखरू की अध्यक्षता वाली पीठ ने एकल न्यायाधीश वाली पीठ के आदेश के खिलाफ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा दायर अपील को मंजूर कर लिया। अदालत ने कहा कि निगरानी का कार्य सरकार के निर्देशों के तहत और देश की संप्रभुता व अखंडता और राष्ट्र की सुरक्षा के हित में किया जाता है, ऐसे में इसे सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत छूट दी गई है।

पीठ ने हालिया आदेश में कहा, ‘‘किसी फोन की निगरानी या टैपिंग के संबंध में संबंधित सरकार द्वारा तब कोई आदेश पारित किया जाता है, जब अधिकृत प्राधिकारी संतुष्ट हो जाता है कि भारत की संप्रभुता और अखंडता, सुरक्षा या किसी अपराध के लिए उकसावे को रोकने के लिए ऐसा करना आवश्यक है।’’

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अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में, ऐसी किसी भी जानकारी का खुलासा, जांच की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है या उपरोक्त तथ्यों को प्रभावित कर सकता है इसलिए RTI अधिनियम की धारा 8 की शर्तों के तहत इनके खुलासे से छूट दी जाएगी।’’

इसने कहा कि फोन टैपिंग दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के मामलों के अंतर्गत नहीं आती है और मांगी गई जानकारी भी कानून के तहत ट्राई के कार्यों से संबंधित नहीं है। वकील कबीर शंकर बोस ने एक RTI आवेदन दायर कर जानकारी और विवरण मांगा था कि क्या उनका फोन टैप किया जा रहा था और किस एजेंसी द्वारा फोन टैप किया जा रहा था।

First Published - December 25, 2023 | 5:12 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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