राजपथ से कर्तव्य पथ तक मोदी की राह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा में जो बदलाव करा रहे हैं उसकी काफी आलोचना की जा रही है और कहा जा रहा है कि यह भी हमारे गणराज्य और 2014 के पहले के अतीत के प्रतीकों में बदलाव के उनके एजेंडे का ही हिस्सा है। हमें इस धारणा पर पुनर्विचार करना होगा कि राजपथ का […]
दक्षिण और उत्तर भारत का गहराता अंतर
आठ नवंबर, 2016 को हुई नोटबंदी के कुछ दिन बाद दक्षिण भारत के दो राज्यों की कुछ दिनों की यात्रा ने मुझे यह बात अच्छी तरह याद दिला दी थी कि कैसे दक्षिण भारत के राज्य उत्तर के राज्यों से अलग हैं। वहां बैंकों के बाहर पुराने नोट बदलने की कोई कतार नहीं दिख रही […]
अत्यधिक गरीबी 12.3 फीसदी घटी: विश्व बैंक
विश्व बैंक ने भी हाल के वर्षों में भारत में गरीबी कम होने की बात कही है। अपने कार्य पत्र में संस्था ने कहा है कि देश में अत्यधिक गरीबी काफी कम हुई है। उसने कहा कि 2011 में गरीबी का प्रतिशत 22.5 फीसदी था, जो 2019 में केवल 10.2 फीसदी रह गया। इससे पहले […]
मुख्य आर्थिक सलाहकार के कुछ ऐसे रहे हैं विचार
नए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक विकास के मसलों समय समय पर लिखित रूप से विचार दिए हैं। विभिन्न मसलों पर उनकी प्रतिक्रियाओं से उनका आर्थिक चिंतन सामने आता है। हमने विभिन्न मसलों पर उनके विचार संकलित किए हैं, जो निम्नवत है… नोटबंदी पर नोटबंदी की कीमत धीमी वृद्धि की तुलना में […]
अर्थव्यवस्था के संकट को उबारने का भाजपा के पास सुनहरा मौका
जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2014 में साधारण बहुमत के साथ सत्ता में आई उस वक्त विरासत में उसे ऐसी अर्थव्यवस्था मिली जिसकी हालत खस्ता हो रही थी। महंगाई दर 15 प्रतिशत के आसपास थी और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा था। बैंक संकट में थे और समग्र आर्थिक विकास में गिरावट […]
नोटबंदी एक आपदा थी या वरदान इस पर अभी तक नहीं एकमत
हमें यह कभी पता नहीं चलेगा कि नोटबंदी देश के लिए एक आपदा थी या वरदान। पांच साल पहले इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा आधी रात से लागू हो गई थी जिससे पूरा देश हैरान हो गया था। इसके बाद जो कुछ भी हुआ उस पर काफी कुछ लिखा, पढ़ा और […]
एक महीने के खर्च के बराबर नकदी घर में रखें
डिजिटल भुगतान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, खास तौर पर महानगरों और शहरी इलाकों में। लेकिन नकदी का अब भी दबदबा है। इस समय 28.5 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा चलन में है। नोटबंदी के दौरान 18 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा चलन में थी यानी इसमें पिछले पांच साल के दौरान 58.3 फीसदी […]
नकद का स्थान नहीं ले पाएगा डिजिटल भुगतान
डिजिटल भुगतान में तेज बढ़ोतरी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था कम से कम अगले कुछ साल नकदी पर निर्भर बने रहने के आसार हैं। इसी पर ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) विनिर्माता और नकदी लाने-ले जाने वाली कंपनियां दांव लगा रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले साल ज्यादातर समय चलन में […]
एचयूएल में 20 फीसदी की तेजी की उम्मीद
अगस्त के शुरू से 20 प्रतिशत तेजी दर्ज करने के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के शेयर ने पिछले सोमवार को नई ऊंचाई को छुआ, जो सेंसेक्स में आई 10 प्रतिशत तेजी का दोगुना है। हालांकि विश्लेषक उत्साहित हैं और उन्हें शेयर में अच्छी तेजी आने की संभावना है। जहां कई विश्लेषक इस शेयर में एक अंक […]
वित्तीय तंत्र से 2,000 रुपये के नोट धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं। इससे सीधा संकेत मिलता है कि बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बड़े मूल्य के नोट पर लेनदेन से जुड़ी निर्भरता कम करना चाहता है। वर्ष 2016 में नोटबंदी के बाद 2,000 रुपये के नोट वित्तीय तंत्र में उतारे गए थे। मार्च 2018 […]