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Balaji Wafers की 10% हिस्सेदारी खरीदने की होड़, कई दिग्गज PE फर्में दौड़ में

जानकारी रखने वाले एक सूत्र के अनुसार क्रिस कैपिटल, मल्टीपल्स, टीए एसोसिएट्स, एल कैटरटन, गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टैनली ने भी कंपनी में रुचि दिखाई है

Last Updated- September 14, 2025 | 10:36 PM IST
Private equity firms
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

चिप्स और नमकीन बनाने वाली गुजरात की कंपनी बालाजी वेफर्स अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए कम से कम 10 प्राइवेट इक्विटी (पीई) फर्मों से बात कर रही है। फिलहाल अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, केकेआर, केदार कैपिटल,  बेन ऐंड कंपनी, कार्लाइल और टीपीजी जैसी दिग्गज पीई फर्मों से उसकी बात चल रही है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी चाहती है कि उसकी कीमत करीब 40,000 करोड़ रुपये (4.53 अरब डॉलर) आंकी जाए।

जानकारी रखने वाले एक सूत्र के अनुसार क्रिस कैपिटल, मल्टीपल्स, टीए एसोसिएट्स, एल कैटरटन, गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टैनली ने भी कंपनी में रुचि दिखाई है। सूत्र ने कहा कि एफएमसीजी कंपनियों में केवल आईटीसी ने बालाजी की हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। कनाडा के एक पेंशन फंड ने भी बालाजी में दिलचस्पी दिखाई है।

गोल्डमैन सैक्स, केदार, टीपीजी और कार्लाइल से जब हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में शामिल होने की बात पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आईटीसी के एक प्रवक्ता ने बाजार में चल रही अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एडीआईए, केकेआर, बेन ऐंड कंपनी, क्रिस कैपिटल, मल्टीपल्स, टीए एसोसिएट्स, एल कैटरटन और मॉर्गन स्टैनली को इस बारे में जानकारी के लिए ईमेल भेजे गए मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

बालाजी वेफर्स के संस्थापक विरानी बंधु (चंदूभाई, भीखूभाई और कनुभाई) देश भर में कंपनी का विस्तार करने के लिए कुछ हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि हल्दीराम के हाल में हुए सौदे में कंपनी की कीमत 10 अरब डॉलर आंकी गई, जो स्नैक्स की श्रेणी में नजीर बन गई।

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि 22 सितंबर से वस्तु एवं सेवा कर में कटौती लागू हो रही है, जिसके बाद कंपनियों को बिक्री से आय बढ़ने की उम्मीद है। स्नैक्स बनाने वाली हल्दीरा ने इसी साल मार्च में इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी, अल्फा वेव ग्लोबल और सिंगापुर की सरकारी निवेश फर्म टेमासेक को 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1 अरब  डॉलर जुटाए थे।

बालाजी की योजना की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया, ‘यह कंपनी वृद्धि के अगले चरण को रफ्तार देने के लिए पेशेवरों को लाने की भी सोच रही है।’ उन्होंने आगे कहा कि कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की भी योजना है मगर इसमें 5 से 6 साल लग सकते हैं।

नकदी से लबालब पीई फर्में भारत के ब्रांडेड कंज्यूमर, टेक्नॉलजी और हेल्थकेयर क्षेत्र में अवसर तलाश कर रही हैं। अमेरिका के एक निवेशक ने कहा कि वे उपभोक्ता खंड में अच्छे सौदे की तलाश कर रहे हैं और कई कंपनियों से बातचीत चल रही है। राजकोट में मुख्यालय वाली बालाजी वेफर्स चिप्स, नमकीन और कन्फेक्शनरी की बिक्री बालाजी ब्रांड से करती है। पश्चिम और मध्य भारत में इसकी गहरी पैठ है। इसके उत्पाद ब्रिटेन,अमेरिका और पश्चिम एशिया के बाजारों में भी निर्यात होते हैं।  कैपिटलाइन के अनुसार वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने 5,453.7 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री की जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 10.7 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 24 में कर चुकाने के बाद कंपनी का मुनाफा 41.4 फीसदी बढ़कर 578.8 करोड़ रुपये हो गया। मार्केट शोध फर्म आईमार्क के अनुसार भारत के पैकेज्ड फूड बाजार का मूल्यांकन 2024 में 121.3 अरब डॉलर था जिसके 2033 तक 6.5 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के साथ 224.8 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।

First Published - September 14, 2025 | 10:36 PM IST

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