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1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! ऑटो सेक्टर से जुड़ी इस कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट तय

Stock Split: बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में तेजी देखी गई थी, BSE पर कंपनी का शेयर 0.65 फीसदी के उछाल के साथ 1396.05 रुपये पर बंद हुआ था

Last Updated- September 13, 2025 | 5:30 PM IST
Stock Split
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

Stock Split: ऑटोमोटिव सेक्टर से जुड़ी गुजरात की कंपनी रोलेक्स रिंग्स लिमिटेड ने स्टॉक स्प्लिट करने का फैसला लिया है। कंपनी अपने शेयरों का फेस वैल्यू 10 रुपये से घटाकर 1 रुपये करने जा रही है। यानी, हर एक शेयर के बदले शेयरधारकों को 10 शेयर मिलेंगे। पहले इस स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट 19 सितंबर 2025 थी, जिसे अब बदलकर 4 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है। कंपनी ने 4 सितंबर 2025 को हुई बोर्ड मीटिंग में इस फैसले को मंजूरी दी थी। इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को सेबी नियमों के तहत दी गई है।

बीते शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में तेजी देखी गई थी। BSE पर कंपनी का शेयर 0.65 फीसदी के उछाल के साथ 1396.05 रुपये पर बंद हुआ था। कंपनी की मार्केट वैल्यू 3,801.91 करोड़ रुपये है। पिछले 2 हफ्ते में कंपनी का शेयर 2.43 फीसदी उछला है जबकि बीते एक महीने में कंपनी के शेयरों में 3.28 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।

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क्या करती है यह कंपनी?

रोलेक्स रिंग्स प्रेसिजन मेटल फोर्जिंग और मशीनिंग में माहिर है। यह कंपनी ऑटोमोटिव और बेयरिंग इंडस्ट्री के लिए जरूरी पार्ट्स बनाती है। भारत में फोर्जिंग के मामले में यह टॉप-5 कंपनियों में शामिल है। इसके प्रोडक्ट्स गाड़ियों, इंडस्ट्रियल मशीनरी, विंड टर्बाइंस और रेलवे में इस्तेमाल होते हैं। कंपनी भारत और विदेशों में बड़े क्लाइंट्स को सप्लाई करती है।

अगर कंपनी की आर्थिक स्थिति की बात करें तो रोलेक्स रिंग्स की पहली तिमाही (Q1FY25-26) में आय 311 करोड़ से घटकर 292 करोड़ रुपये रही। नेट प्रॉफिट भी 50 करोड़ से थोड़ा कम होकर 49 करोड़ रुपये हुआ। फिर भी, कंपनी की फाइनेंशियल सेहत मजबूत है। इसका ROCE 22.8% और ROE 19.2% है, जो दिखाता है कि कंपनी पूंजी का सही इस्तेमाल कर रही है। डेट-टू-इक्विटी रेशियो सिर्फ 0.01 है, यानी कंपनी कर्ज पर बहुत कम निर्भर है। स्टॉक का P/E रेशियो 21.4 है, जो इंडस्ट्री के औसत 26.6 से कम है। इससे पता चलता है कि शेयर की कीमत दूसरी कंपनियों के मुकाबले कम हो सकती है।

कंपनी की आय में सबसे बड़ा योगदान पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट (50.2%) का है। इसके बाद कमर्शियल और हैवी कमर्शियल व्हीकल्स (25.5%) और इंडस्ट्रियल एप्लिकेशन्स (16.4%) का नंबर आता है। बैटरी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड व्हीकल्स की हिस्सेदारी 7.9% रही, जबकि टू-व्हीलर से कोई आय नहीं हुई।

रोलेक्स रिंग्स की प्रिसिजन इंजीनियरिंग और टूल डिजाइन में मजबूत पकड़ है। कंपनी ने भारत और विदेशों में कई बड़े क्लाइंट्स के साथ लंबे समय से रिश्ते बनाए हैं।

First Published - September 13, 2025 | 5:30 PM IST

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