मध्य प्रदेश सरकार अपनी नई औद्योगिक नीतियों में उद्योग क्षेत्र को नई सौगात पेश करने की तैयारी में है।
ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार उद्योग के लिए नई नीतियों में रियायतें तो देगी ही साथ ही पुरानी शर्तों और नियमों में भी थोड़ी ढिलाई बरती जाएगी। उद्योग विभाग ने नीति का मसौदा तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दिया है।
हालांकि यह सरकार को तय करना है कि वह मौजूदा नीति को जारी रखेगी या फिर इन्हें नई शक्ल देकर फिर से पेश करेगी। मौजूदा नीति की वैधता इसी साल मार्च में खत्म होने वाली है।
इस नई नीति में राज्य सरकार की ओर से उद्योग जगत को जो सबसे बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है वह जमीनों के निजी स्वामित्व (फ्री होल्ड) को लेकर है। दरअसल मौजूदा नीतियों के अनुसार उद्योग इकाइयां सरकार से मिली जमीन का उपयोग सीमित उद्देश्यों के लिए ही कर सकती हैं।
पर अब ऐसा माना जा रहा है कि जिन इकाइयों ने किसी जमीन पर लगातार 20 वर्षों के लिए औद्योगिक परिचालन किया है उन्हें मनमाने ढंग से इस जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी।
इन इकाइयों को राज्य सरकार की ओर से तय की गई जमीन की मौजूदा कीमत चुकानी होगी। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि इस बाबत राजस्व विभाग से चर्चा की जा रही है।
इस तरह जो राजस्व प्राप्त होगा उसका इस्तेमाल औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा।