पुणे में लक्जरी अपार्टमेंट की बिक्री इतनी घट गई है कि अब शहर के प्रमुख डेवलपर फ्लैट किराए पर देने को भी तैयार हो गए हैं।
उन्होंने इसके लिए एक नई योजना शुरू की है जिसके तहत जो लोग मकान तो खरीदना चाहते हैं, पर मौजूदा मंदी में वे ऐसा कर नहीं पा रहे हैं, उन्हें डेवलपर मकान किराए पर देने को तैयार हैं।
ऐसे किरायेदार आगे चलकर मंदी खत्म होने के बाद उसी मकान को खरीद सकते हैं। वे किराए के तौर पर जो रकम चुकाएंगे उसे मकान की बिक्री के समय डाउन पेमेंट माना जाएगा। दरअसल, शहर के रियल एस्टेट बाजार में आई गिरावट डेवलपर्स के लिए खासी चिंता का सबब बन गई है।
मकानों की खरीद में आई गिरावट पिछले 6 महीने से जारी है और यह थमने का नाम ही नहीं ले रही है। पुणे के प्रमोटर्स ऐंड बिल्डर्स एसोसिएशन (पीबीएपी) ने हाल ही में रियल एस्टेट बाजार में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी। इसी श्रृंखला में एक कदम आगे बढ़ते हुए रियल एस्टेट कंपनी मॉन्ट वर्ट होम्स खरीदारों के लिए रेंटल योजना लेकर आई है।
इस योजना के बारे में और जानकारी देते हुए मॉन्ट वर्ट होम्स के प्रबंध निदेशक जयंत कनेरिया ने बताया, ‘इस साल मई-जून तक हमारे पास कई अपार्टमेंट बन कर बिक्री के लिए तैयार हो जाएंगे।
ऐसे अपार्टमेंट की संख्या काफी अधिक होगी जिनके लिए अब तक कोई बुकिंग नहीं की गई है। ऐसे में जबकि लोग नौकरी खोने के डर से मकान खरीदने से कतरा रहे हैं, हम उनके लिए खास योजना लेकर आए हैं।’ उन्होंने बताया कि कंपनी ऐसे परिवारों पर फोकस कर रही है जिनकी मासिक आय 50,000 रुपये तक है और जो इस मंदी के बाद मकान खरीदने की तैयारी में हैं।
हालांकि कंपनी ने खरीदारों (फिलहाल किरायेदारों) के लिए यह विकल्प भी रखा है कि अगर वे मकानों को 11 महीने के लिए लीज पर लेते हैं और अगर लीज की अवधि खत्म हो जाने के बाद वे इसे खरीदने को तैयार नहीं होते तो वे इसे छोड़ सकते हैं।
वे चाहें तो इस मकान को छोड़ सकते हैं या फिर अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार को हस्तांतरित कर सकते हैं। कनेरिया ने बताया कि ऐसे मामलों में भी किराए की रकम को डाउन पेमेंट माना जाएगा और उसे मकान की बिक्री कीमत में से घटा दिया जाएगा।
मॉन्ट वर्ट मुख्य रूप से रिहायशी मकान बनाती है। कंपनी शहर एनआईबीएम रोड और हिंजेवाडी इलाकों में 2 बेडरूम और 3 बेडरूम के मकान क्रमश: 29 लाख रुपये और 39 लाख रुपये में बेच रही है। कंपनी ने बताया कि 2 बेडरूम और 3 बेडरूम के मकानों को क्रमश: 12,000 और 15,000 रुपये के मासिक किराए पर लिया जा सकता है।
कंपनी के निदेशक मनीष कनेरिया ने बताया, ‘यह योजना उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगी जो फिलहाल मकान पर भारी भरकम निवेश नहीं करना चाहते हैं। योजना में पूरी निष्पक्षता बरती गई है और लीज की अवधि समाप्त होने के बाद किरायेदार पुरानी दरों के हिसाब से ही मकान खरीद सकते हैं।’
पुणे में रियल एस्टेट डेवलपर्स पहले ही एक ऐसी योजना की घोषणा कर चुके हैं जिसके अंतर्गत नौकरी खोने वाले खरीदारों के लिए डेवलपर खुद तीन किश्त अदा करेंगे। साथ ही जिन खरीदारों ने एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक से होम लोन लिया है, उन्हें ब्याज दरों में 0.5 फीसदी छूट का प्रस्ताव रखा गया है।