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कंप्यूटरों पर बढ़ रहा है वायरस का प्रकोप

Last Updated- December 05, 2022 | 5:27 PM IST

कंम्प्यूटर ने इंसान की जिंदगी को काफी आसान बना दिया है। आज के दौर में कंप्यूटर के बगैर बड़ी-बड़ी कंपनियों के नेटवर्क की कल्पना भी नहीं की जा सकती।


अगर इसमें कुछ गड़बड़ी होती है, तो किसी भी कंपनी के पूरे सिस्टम पर खतरा मंडराने लगता है।आज के दौर में सॉफ्टवेयर वायरस कंप्यूटरों के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गए हैं। ऐसे ही वायरस से कंप्यूटरों को बचाने के लिए काम करने वाली कंपनी एफ सिक्योर ने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। एफ सिक्योर के मुताबिक, इस साल (2008) के अंत तक ऐसे वायरसों की तादाद 10 लाख को पार कर सकती है।


कंपनी को आजकल लैब में रोजाना औसतन 25 हजार वायरसों के नमूने प्राप्त हो रहे हैं।एफ-सिक्योर की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में किसी भी समय से ज्यादा वायरस पैदा किए जा रहे हैं, लेकिन लोग इस भ्रम के शिकार हैं कि इनकी तादाद कम हो गई है। दरअसल वायरस के बाजीगरों ने चालाकी से कंप्यूटरों पर हमला करने की अपनी रणनीति बदल दी है।


एक या दो साल पहले ज्यादातर वायरस ईमेल अटैचमेंट के साथ भेजे जाते थे और इस वजह से ये वायरस बड़े पैमाने पर फैल जाते थे। अब ऐसे  अटैचमेंट प्रभावकारी नहीं हो पाते हैं, क्योंकि हर कंपनी या संस्था ने ऐसे अटैचमेंट या ईमेल को रोकने के लिए उपाय कर रखे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस फैलाने वाले अपराधियों ने अब नया तरीका ढूंढ निकाला है। वायरस फैलाने के लिए अब वेब ड्राइव बाय डाउनलोड का तरीका अपनाया जा रहा है।


ड्राइव बाय डाउनलोड का मतलब यह हुआ कि आपके महज किसी साइट को खोलने से आपके कंप्यूटर में वेबसाइट से संबंधित प्रोग्राम डाउनलोड हो जाएगा। यानी अगर आप उस प्रोग्राम पर क्लिक नहीं भी करें तो भी प्रोग्राम आपके कंप्यूटर पर डाउनलोड हो जाएगा। इससे बचने के लिए आपके कंप्यूटरों में महफूज ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर और ब्राउजर प्लग इन जैसे सिस्टमों का होना जरूरी है।


दुर्भाग्य से ज्यादातर लोगों के कंप्यूटर में ये सारी चीजें नहीं होती हैं। ऐसे वायरसों का शिकार होने में मोबाइल फोन भी पीछे नहीं हैं।हैंडसेट के जरिये शेयरवेयर जैसे दिखने वाले प्रोग्राम को डाउनलोड करते वक्त ये वायरस मोबाइल में प्रवेश कर जाते हैं। शेयरवेयर से आशय वैसे प्रोग्राम से हैं, जिसे आप ट्राइ करने के बाद इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस अदा करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में ऐसे वायरसों की तादाद में और इजाफा हो सकता है।

First Published - April 1, 2008 | 12:33 AM IST

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