facebookmetapixel
विनग्रुप का बड़ा दांव: तेलंगाना में $3 अरब के निवेश से बनेगा देश का पहला बड़ा ई-टैक्सी बेड़ाEV इंडस्ट्री में बड़ा धमाका: 11 महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 20 लाख के पार, पैसेंजर सेगमेंट ने तोड़ा रिकॉर्डMicrosoft का भारत में बड़ा दांव: 4 साल में करेगी 17.5 अरब डॉलर का निवेश, एआई-क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा बढ़ावारीपो दर 3 साल के निचले स्तर पर, RBI गवर्नर ने बैंकों को मध्यवर्ती लागत कम करने का दिया निर्देशतेलंगाना राइजिंग सम्मेलन में ₹5.39 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश, डेटा सेंटर से टाउनशिप तक के हुए सौदेजापानी निवेशक सॉफ्टबैंक को भारत में मिला मेगा रिटर्न, मीशो-लेंसकार्ट के आईपीओ से बढ़ी उम्मीदेंचीनी प्रतिबंधों के बावजूद उर्वरक आयात में नहीं आई बड़ी गिरावट, वियतनाम-इंडोनेशिया के रास्ते बढ़ी सप्लाईइंडिगो को 10% उड़ानें कम करने का निर्देश, ऑपरेशन सामान्य करने में मिलेगी मदददक्षिण भारतीय कंटेंट की बढ़ती मांग: JioHotstar का 5 साल में 4,000 करोड़ रुपये निवेश का प्लानखुदरा लोन की मांग के चलते बैंकों से तेज हुई NBFC की रफ्तार, बजाज-श्रीराम-मुथूट ने बढ़ाया दबदबा

RBI के फैसले के बाद PNB ने घटाईं दरें, कम होगी आपकी EMI

PNB ने RLLR में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, लेकिन ग्राहकों को EMI में राहत अगली रीसेट तिथि पर मिलेगी

Last Updated- December 08, 2025 | 1:13 PM IST
Punjab National Bank (PNB)

सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी की है। इस कटौती के बाद बैंक की RLLR दर 8.35 प्रतिशत से घटकर 8.10 प्रतिशत हो गई है। यह नई दर तुरंत लागू हो गई है। बैंक ने यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को की गई रेपो रेट में कटौती के बाद उठाया है।

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया है। यह इस वर्ष की चौथी कटौती है। RLLR सीधे रेपो रेट पर आधारित होता है, इसलिए जब भी भारतीय रिजर्व बैंक अपनी दरों में बदलाव करता है, बैंकों को भी अपनी लोन दरों में बदलाव करना पड़ता है। पंजाब नेशनल बैंक के अलावा बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक जैसे अन्य सरकारी बैंकों ने भी अपनी लोन दरों में समान कटौती की है।

क्या EMI कम होगी

यदि आपका होम लोन RLLR से जुड़ा है, तो EMI में कमी आएगी, लेकिन इसका असर तुरंत नहीं दिखेगा। अधिकतर बैंक RLLR आधारित ब्याज दरों को तीन महीने के अंतराल पर संशोधित करते हैं। यदि आपका पिछला संशोधन हाल ही में हुआ है, जैसे अक्टूबर में, तो कम ब्याज दर का लाभ आपको अगले संशोधन से मिलेगा, जो सामान्यतः जनवरी में होगा। दर कम होने के बाद आपकी EMI घटेगी या आप चाहें तो EMI को समान रखते हुए लोन की अवधि कम करा सकते हैं। जो ग्राहक अभी भी MCLR या बेस रेट पर हैं, उन्हें इसका लाभ तभी मिलेगा जब वे RLLR व्यवस्था में ट्रांसफर होंगे।

RLLR क्या है

RLLR वह ब्याज दर है जिस पर बैंक रिटेल लोन देते हैं और यह दर सीधे भारतीय रिजर्व बैंक की रेपो रेट से जुड़ी होती है। अक्टूबर 2019 से भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्देश दिया था कि सभी नए फ्लोटिंग रेट वाले रिटेल लोन किसी बाहरी मानक से जुड़े हों ताकि पारदर्शिता बढ़े और दरों में बदलाव का लाभ ग्राहकों तक जल्दी पहुंच सके। इसी वजह से रेपो रेट में हाल में हुई कटौती का सीधा असर RLLR वाले लोन पर दिखाई दे रहा है।

First Published - December 8, 2025 | 12:55 PM IST

संबंधित पोस्ट