वित्तीय धोखाधड़ी में बढ़ोतरी के बीच बाजार नियामक सेबी ने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को निर्देश दिया है कि वे किसी तरह की नकल, पहचान, ट्रेडमार्क, लोगो आदि के इस्तेमाल पर तत्काल कार्रवाई करे और नैशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में रिपोर्ट करे।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की एक रिपोर्ट के बाद ये निर्देश आए हैं। इन निर्देशों में कहा गया था कि उसने दूसरे देशों से साइबर के जरिए वित्तीय धोखाधड़ी और निवेश घोटाले का नया तरीका देखा है जिसमें स्टॉक ब्रोकरों और कंपनी के अधिकारियों की नकल की गई है।
15 मई के इस पत्र में बाजार नियामक सेबी ने डिपॉजिटरीज को सूचित किया है कि उसे स्टॉक मार्केट निवेश धोखाधड़ी में एसएमएस हेडर्स के दुरुपयोग की रिपोर्ट मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने नए तौर तरीकों में बढ़ोतरी देखी है, जिनमें साइबर अपराधी नकली मोबाइल ऐप, वेबसाइट और व्हाट्सऐप या टेलीग्राम के जरिये स्टॉक ब्रोकरों, वित्तीय सलाहकारों या पूंजी निवेश फर्मों के अधिकारियों की नकल कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि धोखाधड़ी वाले व्हाट्सऐप समूहों का परिचालन कंबोडिया/हॉन्ग-कॉन्ग से हो रहा बताया है। शुरुआती चरण में ये ऐप शायद गूगल प्लेस्टोर, ऐपल एप और वेब लिंक्स के जरिये सर्कुलेट किए गए, जिनका प्रायोजन अधिकाशत: इंस्टाग्राम व फेसबुक विज्ञापनों के जरिये हुआ और ये स्टॉक मार्केट में रुचि रखने वाले यूजर्स को निशाना बना रहे हैं।
ये संदेश ऐसे तैयार किए जाते हैं कि पीड़ितों को लगता है कि एसएमएस सही इकाइयों से आ रहा है और इसी गलतफहमी के साथ वे कदम बढ़ा देते हैं। फरवरी में सेबी ने धोखाधड़ी वाली ट्रेडिंग योजनाओं के खिलाफ सलाह दी थी जिनमें दावा किया गया था कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक घरेलू निवेशकों को इनकी पेशकश कर रहे हैं।
अन्य कई उदाहरणों में धोखाधड़ी करने वालों ने यह दावा करते हुए संदेश और लिंक भेजा कि वे स्टॉक एक्सचेंजों के प्रबंध निदेशक या वरिष्ठ कर्मचारी हैं।