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Chopra Puja 2025: दिवाली का त्यौहार सिर्फ रोशनी और मिठाइयों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नए आरंभ और समृद्धि का प्रतीक भी है। इसी दिन एक विशेष पूजा की जाती है जिसे चोपड़ा पूजा कहा जाता है। यह पूजा खासकर व्यापारियों और नए काम की शुरुआत करने वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
साल 2025 में चोपड़ा पूजा 20 अक्टूबर (सोमवार) को दिवाली के दिन ही की जाएगी।
प्रदोष काल (सबसे शुभ समय)- शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक
लाभ और अमृत चौघड़िया – दोपहर 3:44 से शाम 5:46 बजे तक
चर चौघड़िया – शाम 5:46 से रात 7:21 बजे तक
इन्हीं समयों में पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है।
‘चोपड़ा’ का मतलब होता है बही-खाता या लेखा पुस्तिका। प्राचीन परंपरा के अनुसार दीपावली के दिन पुराने हिसाब खत्म कर नए साल के लेन-देन की शुरुआत की जाती है। इसलिए इस दिन व्यापारी नई बही, डायरी या फाइल की पूजा करते हैं।
पूजा के बाद बही पर “श्री गणेशाय नमः” या “श्री लक्ष्मीयै नमः” लिखना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से पूरे वर्ष धन की वृद्धि और सौभाग्य बना रहता है।
सिर्फ व्यापारी ही नहीं, बल्कि जो भी व्यक्ति किसी नए काम या योजना की शुरुआत करना चाहता है, वह भी इस दिन कलम और डायरी की पूजा कर सकता है।
यह पूजा केवल व्यापारिक क्रिया नहीं बल्कि आध्यात्मिक संकल्प भी है। यह हमें प्रेरित करती है कि नया वर्ष ईमानदारी, स्पष्ट सोच और शुभ कार्यों के साथ शुरू किया जाए। लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा से यह पूजा धन के साथ-साथ विवेक और आत्मविश्वास भी प्रदान करती है।