वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए भारतीय अधिकारियों का एक दल इस समय अमेरिका में मौजूद है। वार्ता में दोनों पक्षों के लिए लाभदायक समाधान का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही शुल्क संबंधी मसलों पर भी बातचीत हो रही है।
अग्रवाल गुरुवार को बातचीत के कर रही टीम में शामिल होंगे। दोनों पक्ष प्रस्तावित व्यापार समझौते को जल्द निष्कर्ष पर पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ट्रंप और मोदी ने फरवरी में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण की आधिकारिक समय सीमा 2025 के अंत तक की तय की है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘वार्ताकारों का हमारा दल पहले ही अमेरिका में है और वह कोशिश कर रहा है कि क्या दोनों पक्षों के लिए लाभदायक कोई समाधान निकल सकता है, जिसमें शुल्क संबंधी कुछ मसलों का भी समाधान हो।’
अमेरिका सरकार का इस समय शटडाउन चल रहा है। ऐसे में बातचीत का यह दौर आधिकारिक नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष सक्रिय हैं और व्यापार की मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए राह निकालने की कवायद कर रहे हैं। दोनों पक्ष चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह से मसलों का समाधान किया जा सकता है।’अमेरिकी सरकार 1 अक्टूबर को शटडाउन में चली गई क्योंकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट अक्टूबर और उसके बाद सरकारी सेवाओं के लिए धन देने वाले बिल को पारित करने के लिए सहमत नहीं हो सके।
सचिव ने अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने के संकेत दिए हैं। पिछले 7-8 साल में अमेरिका से भारत की कच्चे तेल की खरीद 25 अरब डॉलर से घटकर 12 से 12 अरब डॉलर की रह गई है। अग्रवाल ने कहा, ‘ऐसे में करीब 12 से 15 अरब डॉलर के तेल खरीद की गुंजाइश है, जिसके बारे में हम रिफाइनरियों में तकनीकी बदलाव की चिंता नहीं करनी है।’