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मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन में गवर्नेंस मजबूत करें जनहित निदेशक : सेबी

पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर्स कॉन्क्लेव में सेबी चेयरमैन ने कहा कि पीआईडी ​​की भूमिका की अहमियत बढ़ेगी और वे जांच के दायरे में भी ज्यादा होंगे

Last Updated- October 15, 2025 | 9:43 PM IST
Tuhin Kanta Pandey, Chairman, SEBI (Photo: KAMLESH PEDNEKAR)

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन (एमआईआई) के जनहित निदेशकों (पीआईडी) से पारंपरिक निगरानी से रणनीतिक प्रबंधन की ओर बढ़ने का आग्रह किया। पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर्स कॉन्क्लेव में सेबी चेयरमैन ने कहा कि पीआईडी ​​की भूमिका की अहमियत बढ़ेगी और वे जांच के दायरे में भी ज्यादा होंगे।

पांडेय ने इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय क्षेत्र में सुरक्षा, दक्षता और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने का बड़ा मकसद एमआईआई मसलन स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग निकायों और डिपॉजिटरी के वाणिज्यिक हितों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, कृपया सेबी द्वारा आपको दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करें। अपने स्वतंत्र निर्णय को सामने लाएं। आपके द्वारा पहचाने गए किसी भी जोखिम को सेबी के ध्यान में सक्रिय रूप से लाएं। अपने संस्थान की प्रशासनिक संस्कृति को मजबूत करने वाले नियंत्रण और संतुलन को सुदृढ़ बनाएं। साथ ही पांडेय ने पीआईडी ​​​​से जनहित और निष्पक्षता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

पांडेय ने पीआईडी ​​से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि बोर्ड की बैठकों में उनके हस्तक्षेप का उचित रूप से रिकॉर्ड रखा जाए और उनकी बैठकों में एमआईआई से संबंधित अहम मसलों पर व्यापक चर्चा हो। उन्होंने वित्तीय और मानव संसाधन कार्यों की पर्याप्तता की समीक्षा करते समय अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग करने का भी आह्वान किया।

बाजार के बढ़ने के साथ ही तकनीकी जोखिमों और साइबर सुरक्षा खतरों पर कड़ी निगरानी रखने का आह्वान करते हुए सेबी चेयरमैन ने पीआईडी ​​से कहा कि वे किसी भी प्रणालीगत विफलता को वित्तीय अनियमितता के समान ही गंभीरता से लें।

पांडेय ने कहा, यह सुनिश्चित करें कि एमआईआई नवाचार करते समय प्रणालीगत स्थिरता या डेटा अखंडता से कोई समझौता न करें। सेबी एआई और मशीन लर्निंग टूल्स के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करता है, लेकिन निवेशक डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा के लिए सुरक्षा उपायों के साथ।

सेबी चेयरमैन ने एमआईआई पर बोझ कम करने और प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों की भी विस्तृत जानकारी दी, जैसे कि पीआईडी ​​के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड हटाना, पीआईडी ​​की नियुक्ति के लिए कौशल मूल्यांकन मानदंड और एमआईआई के बोर्ड में दो कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति। सेबी ने एमआईआई के गवर्नेंस और प्रशासन पर नियामकीय ढांचे को सरल बनाने का भी प्रस्ताव दिया है।

First Published - October 15, 2025 | 9:25 PM IST

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