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US Green Card: अमेरिकी ग्रीन कार्ड पाना होगा मुश्किल या आसान? ट्रंप सरकार जल्द ला सकती है नए नियम

अमेरिका जनवरी 2026 तक O-1A और NIW के नियम बदलकर हाई-स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए ग्रीन कार्ड की पात्रता नए सिरे से तय करेगा।

Last Updated- October 15, 2025 | 10:36 AM IST
Green card
Representative Image

अमेरिका का होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) एक ऐसा नियम लाने की तैयारी में है, जो विदेशी पेशेवरों के लिए ग्रीन कार्ड पाने के रास्ते बदल सकता है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया नियम जनवरी 2026 तक लागू किया जा सकता है।

इस बदलाव के तहत उन श्रेणियों को फिर से परिभाषित किया जाएगा, जिनके आधार पर अभी तक ‘असाधारण योग्यता वाले व्यक्तियों’ (Extraordinary Ability) और ‘उत्कृष्ट प्रोफेसर व शोधकर्ताओं’ (Outstanding Professors and Researchers) को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड दिया जाता है।

सरकार का मकसद है कि ग्रीन कार्ड सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी और आधुनिक बनाया जाए, ताकि सच में योग्य और नवाचार करने वाले विदेशियों को अमेरिका में काम करने और बसने का बेहतर मौका मिल सके।

अगर यह नियम लागू होता है तो इसका लाभ कई भारतीय आईटी इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को मिल सकता है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा का सभी को बेसब्री से इंतजार है।

अमेरिका में इमीग्रेशन नियमों में बदलाव की तैयारी

DHS रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड श्रेणियों के नियमों में सुधार करने जा रहा है। नए प्रस्ताव के तहत उन पेशेवरों के लिए नियम स्पष्ट और आधुनिक बनाए जाएंगे जो असाधारण प्रतिभा, उत्कृष्ट प्रोफेसर या शोधकर्ता जैसी श्रेणियों में आवेदन करते हैं।

DHS का कहना है कि कई मामलों में साक्ष्यों की व्याख्या अलग-अलग तरीके से की जाती है, जिससे आवेदन प्रक्रिया असंगत हो जाती है। नए नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी आवेदनों की जांच एक समान मानकों के आधार पर की जाए और दस्तावेज़ों से जुड़ी आवश्यकताएं स्पष्ट हों।

कुशल प्रवासियों को आकर्षित करने की थी बाइडेन सरकार की कोशिश

यह कदम बाइडेन प्रशासन की उस पहले की पहल का हिस्सा है, जिसमें जनवरी 2022 में कंपनियों और पेशेवरों को O-1A वीजा और नेशनल इंटरेस्ट वेवर (NIW) श्रेणियों का अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। इसका मकसद विज्ञान, तकनीक और शोध क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिभा को अमेरिका की ओर आकर्षित करना है, ताकि देश नवाचार और प्रतिस्पर्धा में आगे रहे।

अमेरिका में O-1A वीजा और NIW की बढ़ती मांग

अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी USCIS के अनुसार, O-1A वीजा उन लोगों के लिए है जिन्होंने विज्ञान, शिक्षा, व्यवसाय या खेल के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हों। इस श्रेणी में कला और फिल्म-टीवी उद्योग शामिल नहीं हैं।

वहीं, नेशनल इंटरेस्ट वेवर (NIW) रोजगार-आधारित EB-2 वीजा श्रेणी के तहत मिलने वाली एक विशेष छूट है। इसके जरिये योग्य आवेदकों को यह साबित नहीं करना पड़ता कि उस नौकरी के लिए अमेरिकी नागरिक उपलब्ध नहीं है। यदि किसी का काम राष्ट्रीय हित में माना जाता है, तो वह सीधे स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) के लिए आवेदन कर सकता है।

2022 के बाद से आवेदन में तेज उछाल

2022 में नीति में बदलाव के बाद से दोनों वीजा श्रेणियों में आवेदन में बड़ा इजाफा देखा गया है।

  • O-1A वीजा के आवेदन वित्त वर्ष 2021 में 7,710 थे, जो 2023 में बढ़कर 10,010 हो गए। अच्छी बात यह है कि इनकी मंजूरी दर 90% से अधिक बनी हुई है। चूंकि इस वीज़ा पर कोई वार्षिक सीमा नहीं है, इसलिए यह योग्य उम्मीदवारों के लिए एक लचीला विकल्प बन गया है।
  • NIW के आवेदन इससे भी तेजी से बढ़े हैं। NFAP की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से 2022 के बीच इनकी संख्या 51% बढ़कर 14,610 से 21,990 हो गई। 2023 में इसमें 81% की और वृद्धि हुई और कुल 39,810 आवेदन दर्ज किए गए। हालांकि, इस दौरान इनकी मंजूरी दर में गिरावट भी देखी गई है।

DHS जल्द ही रोजगार के आधार पर मिलने वाली स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) प्रक्रिया में बदलाव करने जा रहा है। हालांकि प्रस्तावित नियमों का पूरा मसौदा अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि नए नियमों से दस्तावेजों की जांच पहले से अधिक सख्त हो सकती है।

इमीग्रेशन विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों को असाधारण योग्यता (Extraordinary Ability) या राष्ट्रीय महत्व (National Interest) के आधार पर ग्रीन कार्ड चाहिए, उन्हें अब अपने दावों को साबित करने के लिए और मजबूत सबूत देने पड़ सकते हैं। एक इमीग्रेशन वकील ने कहा, “अगर मानक और स्पष्ट हो जाते हैं तो निर्णय अधिक एकरूप जरूर होंगे, लेकिन आवेदकों के लिए दस्तावेज़ जुटाना मुश्किल हो सकता है।”

आगे क्या होगा

यह नियम अभी तैयारी के चरण में है और उम्मीद है कि जनवरी 2026 में इसे सार्वजनिक टिप्पणी (Public Comment) के लिए जारी किया जाएगा। इसके बाद कंपनियाँ, विश्वविद्यालय और विभिन्न संगठन अपनी राय सरकार के सामने रख सकेंगे।

First Published - October 15, 2025 | 10:35 AM IST

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