facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

अगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटा

अगस्त में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की चमक भी थोड़ी फिकी पड़ी है। अगस्त में SIP इनफ्लो 28,265 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई में 28,464 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है।

Last Updated- September 10, 2025 | 9:50 PM IST
Mutual Fund

Equity Mutual Fund Inflow August 2025: जुलाई में रिकॉर्ड निवेश हासिल करने के बाद अगस्त में इक्विटी म्युचुअल फंड में इनफ्लो 22% घटकर 33,430 करोड़ रुपये रह गया। इसका मुख्य कारण न्यू फंड ऑफर (NFO) में आई भारी गिरावट है। हालांकि, यह लगातार 54वां महीना है जब म्युचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में पॉजिटिव इनफ्लो बना रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। अगस्त में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की चमक भी थोड़ी फिकी पड़ी है। अगस्त में SIP इनफ्लो 28,265 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई में 28,464 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है। दूसरी तरफ, अगस्त 2025 में ओपन-एंडेड डेट म्युचुअल फंड्स से 7,980 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखने को मिला।

Also Read: Credit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेश

फ्लेक्सी कैप में आया सबसे ज्यादा निवेश

इक्विटी फंड कैटेगरी में, अगस्त में फ्लेक्सी कैप फंड्स में सबसे ज्यादा 7,679 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया। इसके बाद मिड कैप फंड्स में 5,330 करोड़ रुपये का निवेश आया। जुलाई में फ्लेक्सी कैप फंड्स में 7,654 करोड़ रुपये और मिड कैप फंड्स में 5,182 करोड़ रुपये का निवेश आया था।

मिरे असेट में हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस सुरंजना बोर्थाकुर ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि कुछ महीने पहले मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स का वैल्यूएशन महंगा नजर आ रहा था, फिर भी इन कैटेगरी में निवेश लगातार मजबूत बना हुआ है। लगातार दो महीनों से इन फंड्स में ₹10,000 करोड़ से ज्यादा का इनफ्लो आया है। यह निवेशकों के व्यापक बाजार की लॉन्ग टर्म संभावनाओं पर भरोसे को दर्शाता है। साथ ही, फ्लेक्सी-कैप और मल्टी-कैप फंड्स लॉन्ग टर्म निवेश के लिए पसंदीदा कैटेगरी बनकर उभरे हैं। सिर्फ फ्लेक्सी-कैप फंड्स में ही लगातार दो महीनों से लगभग ₹7,600 करोड़ का स्थिर इनफ्लो आया है।”

ELSS में ₹59 करोड़ का निवेश आया

अगस्त में लार्ज-कैप फंड्स में 2,835 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो जुलाई में 2,125 करोड़ रुपये था। हालांकि, स्मॉल-कैप फंड्स में अगस्त में कम निवेश हुआ। इस दौरान इनफ्लो 4,993 करोड़ रुपये रहा, जबकि जुलाई में यह 6,484 करोड़ रुपये था।

अगस्त में सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में 3,893 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ, जबकि जुलाई में यह 9,426 करोड़ रुपये था। इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में अगस्त में 59 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज हुआ, जबकि जुलाई में 368 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ था।

Also Read: FMCG, कपड़ा से लेकर ऑटो तक… GST कटौती से क्या कंजम्पशन फंड्स बनेंगे निवेश का नया हॉटस्पॉट?

बोर्थाकुर ने कहा, “हालांकि इक्विटी इनफ्लो थोड़ा घटकर ₹42,000 करोड़ से लगभग ₹33,000 करोड़ पर आ गया है, लेकिन पिछले महीने की बड़ी बढ़त मुख्य रूप से सेक्टोरल कैटेगरी से आई थी, जिसमें करीब ₹7,000 करोड़ सिर्फ NFOs से आए थे। हाइब्रिड फंड्स में भी कमी आई है, जहां इनफ्लो ₹20,000 करोड़ से घटकर लगभग ₹15,000 करोड़ रह गया। इसका बड़ा कारण आर्बिट्राज फंड्स का ठंडा पड़ना है। इसके बावजूद, SIP नंबर स्थिर बने हुए हैं जो बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है।”

NFO में गिरावट से इक्विटी फंड्स में निवेश घटा

एक्सपर्ट्स ने इनफ्लो में आई गिरावट की वजह कम न्यू फंड ऑफर (NFOs) को बताया है। अगस्त में कुल 23 नए फंड लॉन्च हुए। फंड हाउसों ने इन नए फंड्स के माध्यम से 2,859 करोड़ रुपये जुटाए।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी कहते हैं, “जुलाई की तुलना में अगस्त में न्यू फंड ऑफर लगभग 9,000 करोड़ रुपये कम रहे। इसी वजह से इनफ्लो पर असर दिखा है। बाकी इनफ्लो का मोमेंटम स्थिर और अच्छा बना हुआ है।”

SIP इनफ्लो में मामूली गिरावट

अगस्त में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की चमक भी थोड़ी फिकी पड़ी है। अगस्त में SIP इनफ्लो 28,265 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई में 28,464 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है।

चतुर्वेदी कहते हैं, “पिछले रुझानों को देखते हुए, मुझे SIP में ज्यादा निवेश आने की उम्मीद थी, लेकिन यह अब लगभग 27,000 करोड़ रुपये पर स्थिर है। कुल मिलाकर, ग्लोबल चुनौतियों और FPI की बिकवाली के बावजूद भारतीय निवेशक इक्विटी में निवेश बढ़ा रहे हैं, और यह बाजारों के लिए बहुत सकारात्मक संकेत है।”

Also Read: Mutual Fund: पोर्टफोलियो बनाने में उलझन? Sharekhan ने पेश किया मॉडल; देखें आपके लिए कौन-सा सही?

डेट फंड्स से निकाले गए ₹7,980 करोड़

दूसरी तरफ, अगस्त 2025 में ओपन-एंडेड डेट म्युचुअल फंड्स से 7,980 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखने को मिला। यह जुलाई में आए 1.07 लाख करोड़ रुपये के इनफ्लो से बिल्कुल उलट है। गिरावट की सबसे बड़ी वजह लिक्विड फंड्स से भारी रिडेम्प्शन रही। लिक्विड फंड्स से कुल 13,350 करोड़ रुपये निकाले गए। संस्थागत निवेशकों ने एडवांस टैक्स भुगतान और तिमाही के अंत में नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी एलोकेशन में बदलाव किया।

टाटा एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन ने कहा, “AMFI के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पिछले महीने यील्ड में तेजी से हुई बढ़ोतरी के साथ, बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण डेट फंड्स में निवेश कम हुआ है। आश्चर्य की बात यह है कि मनी मार्केट फंड में भी निवेश में भारी गिरावट आई, जो जुलाई में 42,000 करोड़ रुपये से घटकर अगस्त में सिर्फ 2,000 करोड़ रुपये रह गया।”

ये डेट फंड बने रहे मजबूत

कुल मिलाकर नेगेटिव फ्लो के बावजूद कुछ सेगमेंट्स मजबूत बने रहे। ओवरनाइट फंड्स में अगस्त में 4,950.8 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया। जुलाई में रिकॉर्ड इनफ्लो देखने वाले मनी मार्केट फंड्स में इस बार 2,210 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। हालांकि यह रफ्तार धीमी रही। शॉर्ट-ड्यूरेशन कैरी स्ट्रैटेजी की मांग भी बनी रही। शॉर्ट ड्यूरेशन, लो ड्यूरेशन और अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में कुल मिलाकर करीब 1,416 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ।

वहीं, कॉरपोरेट बॉन्ड और बैंकिंग एवं पीएसयू फंड्स से निवेशकों ने मुनाफावसूली करते हुए ज्यादा लिक्विड और छोटे टेनर वाले ऑप्शंस की तरफ रुख किया। इससे इन दोनों कैटेगरी से लगभग ₹1,625 करोड़ का आउटफ्लो हुआ।

Also Read: Top-5 Mid Cap Fund: 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹4 लाख; हर साल मिला 34% तक रिटर्न

MF इंडस्ट्री का AUM ₹75.2 लाख करोड़

कुल मिलाकर, अगस्त में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में 52,443 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो जुलाई के 1.8 लाख करोड़ रुपये से कम रहा। अगस्त के अंत में इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 75.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि जुलाई के अंत में यह 75.36 लाख करोड़ रुपये था।

First Published - September 10, 2025 | 4:39 PM IST

संबंधित पोस्ट