हवाईअड्डे के परिचालकों को हवाईअड्डे पर दी जाने वाली सभी सेवाओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा जिसमें थर्ड-पार्टी सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं। भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (एईआरए) द्वारा बनाए गए नए नियमों के मुताबिक ऐसा किया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड को जानकारी मिली है कि एईआरए के अध्यक्ष एस के जी रहाटे ने विमानन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के साथ हुई बैठक में यह बात कही है।
हवाईअड्डे पर थर्ड-पार्टी सेवा प्रदाताओं में ग्राउंड हैंडलर, कैटरर, रिटेलर, कार्गो एजेंट और कैब परिचालक शामिल होते हैं।
रहाटे, इस बैठक में 2 सितंबर को जारी किए गए एईआरए के मसौदा नियमन पर बात कर रहे थे। इस मसौदे का मकसद हवाईअड्डे की सेवा की गुणवत्ता को उसके शुल्क से जोड़ना है। ये शुल्क, मसलन यूजर डेवलपमेंट फीस और विमान पार्किंग शुल्क, हवाईअड्डा परिचालक द्वारा अन्य हितधारकों यानी यात्रियों और विमानन कंपनियों से वसूले जाते हैं।
इस मसौदे में 32 उद्देश्यपूर्ण और 18 अनुभव वाले प्रदर्शन मापदंड तय किए गए हैं। इनमें सामान मिलने का समय, कतार की लंबाई, शौचालय की सफाई और ट्रॉली तथा व्हीलचेयर जैसी सुविधाओं की उपलब्धता शामिल हैं।
जो हवाईअड्डे इन तय मापदंडों को पूरा नहीं कर पाएंगे, उनके शुल्क में कटौती की जा सकती है। वहीं, जो इन लक्ष्यों से आगे निकल जाएंगे, उन्हें इनाम दिया जाएगा।
दरअसल इस मॉडल का मकसद जवाबदेही तय करना है क्योंकि हवाईअड्डों का एक तरह से स्वभाविक एकाधिकार होता है जहां यात्रियों के पास सीमित विकल्प होते हैं। जब कुछ हवाईअड्डा परिचालकों ने यह सवाल किया कि वे किसी थर्ड पार्टी सेवा प्रदाताओं की सेवाओं के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं तब इस पर रहाटे ने कहा, ‘बुनियादी सिद्धांत यह है कि इन प्रदर्शन मानकों के केंद्र में यात्री हैं। यात्री को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कुछ प्रक्रियाएं विमानन कंपनियां पूरी कर रही है और कुछ सुविधाएं हवाईअड्डा परिचालक दे रहा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब हम और आप यात्री होते हैं, तब हम किसी हवाईअड्डे के बारे में कोई राय कैसे बनाते हैं? हम हवाईअड्डे पर जाते हैं, वहां की पूरी सेवाएं देखते हैं और फिर उसे ग्रेड देते हैं। इसे अलग करके देखना मुश्किल है। ऐसे में हवाईअड्डा ही मुख्य केंद्र है और अन्य सेवा प्रदाताओं को भी इसी मानक के अनुसार चलना होगा।’
रहाटे ने कहा, ‘सेवा प्रदाताओं की कमी के लिए हवाईअड्डा परिचालक को क्यों भुगतना पड़े? हमने यहां यह माना है कि हवाईअड्डा ही केंद्र है और उपयोगकर्ताओं, खासकर यात्रियों के लिए यही प्राथमिक सेवा प्रदाता है। हालांकि विमानन कंपनियां आदि भी अन्य उपयोगकर्ता हैं।’