हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि नए GST ट्रांजिशन (Transition) लाभ 22 सितंबर से लागू होंगे। इन संदेशों में यह भी दावा किया गया कि अप्रयुक्त सेस क्रेडिट, टैक्स क्रेडिट (ITC) और नई प्राइस एडजस्टमेंट व्यवस्था का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने स्पष्ट किया है कि ये बातें गलत और भ्रामक हैं। CBIC के अधिकारी ने कहा कि केवल सरकारी नोटिफिकेशन, सर्कुलर और FAQ पर ही भरोसा करें।
GST ट्रांजिशन लाभ, या “Transition Perks”, कुछ इस प्रकार हैं:
अप्रयुक्त सेस क्रेडिट: पुराने GST रेट्स में जो सेस क्रेडिट बचा है, उसे आगे इस्तेमाल किया जा सकता है।
ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) ऑन एक्सेम्प्ट सप्लाइज: पहले टैक्स से मुक्त सामान या सेवाओं पर टैक्स क्रेडिट लिया जा सकता है।
प्राइस एडजस्टमेंट प्रावधान: GST रेट बदलने पर सप्लाइज पर टैक्स एडजस्ट किया जा सकेगा, जिससे आर्थिक परेशानी कम होगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर चल रहे कुछ संदेश “सत्य से भटके और भ्रामक” हैं। बोर्ड ने लोगों, व्यवसायों और उद्योग से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे केवल सरकारी नोटिफिकेशन, सर्कुलर और FAQs पर भरोसा करें ताकि GST सुधारों की सही जानकारी मिल सके।
CBIC के प्रवक्ता ने कहा, “कुछ अनौपचारिक संदेश यह दावा कर रहे हैं कि वे CBIC के अध्यक्ष की ओर से हैं। सही जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों का ही सहारा लें।”
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56वें GST काउंसिल की बैठक (3 सितंबर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में) में “नेक्स्ट-जेन” GST सुधार को मंजूरी मिली। इसके मुख्य बिंदु:
दो स्लैब टैक्स स्ट्रक्चर: अब GST दर केवल 5% और 18% है, पहले की 12% और 28% की दर हटाई गई।
जरूरी वस्तुएं और दवाओं पर कम टैक्स: कई घरेलू सामान और जीवनरक्षक दवाओं पर GST घटा।
लक्जरी और सिन गुड्स: पान मसाला, तम्बाकू, सॉफ्ट ड्रिंक, लक्ज़री कार, यॉट और निजी विमान पर 40% GST लगेगा।
सरलीकृत अनुपालन: रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइलिंग और रिफंड की प्रक्रिया आसान की गई, खासकर MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए।
पीआईबी के अनुसार, ज्यादातर सामान और सेवाओं पर नई GST दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। कुछ तम्बाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, ज़र्दा, अनमेनुफैक्चर्ड तम्बाकू और बीड़ी पर नई दरें बाद में लागू होंगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर मिलने वाली GST की खबरों पर भरोसा न करें। केवल CBIC के आधिकारिक नोटिफिकेशन, सर्कुलर और FAQ पर ही निर्भर रहें। गलत या अधूरी जानकारी से टैक्स फाइलिंग में परेशानी हो सकती है।