पेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई ने हाल में डब्ल्यूएनएस का 3.3 अरब डॉलर में अधिग्रहण पूरा किया है जो बीपीएम क्षेत्र में सबसे बड़े अधिग्रहणों में से एक है। यह भारत में कंपनी का चौथा अधिग्रहण है। कैपजेमिनाई के सीईओ एमान इज्जत ने कंपनी के हैदराबाद परिसर में शिवानी शिंदे से डब्ल्यूएनएस अधिग्रहण, एआई और भारत में लगातार बढ़ती नियुक्तियों के बारे में बात की। संपादित अंश:
बीपीएम फर्म डब्ल्यूएनएस के 3 अरब डॉलर के अधिग्रहण के पीछे क्या तर्क था?
डब्ल्यूएनएस हमें कारोबार में बदलाव लाने के लिए संचालन कौशल प्रदान करेगा। क्लाउड, एआई आदि से संबंधित परिवर्तनकारी परियोजनाओं को करने में हमारी विश्वसनीयता है लेकिन हमें संचालन के लिए कौशल की आवश्यकता है। डब्ल्यूएनएस हमें इस प्रक्रिया को व्यापक बनाने में सुविधा प्रदान करता है जिससे हम ग्राहकों के साथ इस तरह के बड़े और जटिल परिवर्तन करने के लिए खुद को तैयार कर पाते हैं।
कई लोग कहेंगे कि बीपीएम का मार्जिन कम है मगर ऐसा नहीं है। यह व्यवसाय अच्छा मार्जिन देता है। इससे भी महत्त्वपूर्ण है कि वर्तमान में यह सबसे तेजी से बढ़ रहा है। यह देखना दिलचस्प है कि जिस व्यवसाय के बारे में कई लोगों ने सोचा था कि वह अंततः खत्म हो जाएगा, वह वास्तव में सबसे तेजी से बढ़ रहा है।
इसके साथ मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं बेचने की क्या गुंजाइश है?
अब हम अपनी सारी तकनीकी विशेषज्ञता इन ग्राहकों पर लगा सकते हैं। एफएस सेगमेंट में कई ऐसे ग्र्राहक हैं जहां पहले हमारे बीपीओ की मौजूदगी नहीं थी और हमारी टीमें संयुक्त अवसर पर सक्रियता से काम कर रही हैं। ये हमारे शुरुआती लक्ष्यों का हिस्सा होंगे। समय के साथ इंटेलिजेंट ऑपरेशन से जुड़े बड़े और ज्यादा जटिल सौदे देखे जा सकते हैं। इंटेलिजेंट ऑपरेशन के तहत हम जिन सौदों का लक्ष्य रख रहे हैं उनमें से कुछ का मूल्य 5 करोड़ से 10 करोड़ डॉलर के बीच है।
कैपजेमिनाई ने क्लाउड 4सी का भी अधिग्रहण किया है। यह कैसे मेल खाता है?
हमारी नजर क्षमता पर है। क्लाउड4सी छोटी है, लेकिन उसने व्यापक तौर पर ओपन-सोर्स स्टैक का फायदा उठाते हुए हाइपर ऑटोमेटेड परिवेश तैयार किया है। वह निजी एवं सॉवरिन क्लाउड बाजार को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है। अब हम सॉवरिन क्लाउड समाधान प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं। वह हमारे क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर कारोबार का पूरक भी है।
यह भारत में कैपजेमिनाई का तीसरा अधिग्रहण होगा। पिछले अधिग्रहण की क्या स्थिति है?
यह हमारा चौथा अधिग्रहण होगा। ये सभी कारोबार भारत में हैं और इनमें से ज्यादातर ऑफशोरिंग है। तो अगर आप किसी बीपीएम फर्म का अधिग्रहण करते हैं तो जाहिर तौर पर वह भारत में होगी।
अधिग्रहण करते समय हम हमेशा सांस्कृतिक सामंजस्य को प्राथमिकता देते हैं। जांच-परख के दौरान यह एक अहम मानदंड होता है। विलय के बाद एकीकरण बोर्ड की हाल में बैठक भी हुई है और सबकुछ ठीकठाक चल रहा है।
कैपजेमिनाई में नियुक्ति की क्या स्थिति है?
हम लगातार बड़े पैमाने पर नियुक्तियां कर रहे हैं। इस साल भारत में हम लगभग 58,000 लोगों की नियुक्ति करेंगे। कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोड़ने की दर में गिरावट आ रही है।