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Vice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले

सीपी राधाकृष्णन 452 वोटों से भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने, जबकि विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।

Last Updated- September 10, 2025 | 9:00 AM IST
C P Radhakrishnan with Modi
C P Radhakrishnan has been elected as the vice president of India. (Photo: PTI)

Vice President Election Result: भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार CP Radhakrishnan उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं। मंगलवार को हुए मतदान में उन्हें 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में 300 वोट पड़े। राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे।

राज्य सभा के महासचिव और चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी ने कहा कि 781 सांसदों में से 767 ने इस चुनाव में वोट डाले जिनमें से 752 वैध पाए गए और 15 वोट अमान्य थे। एक पोस्टल बैलेट रद्द कर दिया गया, क्योंकि सांसद ने वोट डालने से इनकार कर दिया।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में  245 राज्य सभा और 543 लोक सभा से मिलाकर कुल 788 सदस्य हैं लेकिन फिलहाल राज्य सभा में 6 और लोक सभा में 1 सीट खाली है। इसलिए निर्वाचक मंडल में फिलहाल 781 सदस्य ही हैं। राज्य सभा के 12 मनोनीत सदस्य भी चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।

देश के 15वें उपराष्ट्रपति बनने जा रहे 67 वर्षीय राधाकृष्णन तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं। पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सातवें आर. वेंकटरमण के बाद वह राज्य के तीसरे नेता हैं, जिन्हें इस पद के लिए चुना गया है। वह जगदीप धनखड़ का स्थान लेंगे, जिन्होंने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत के लिए राधाकृष्णन को बधाई दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘राधाकृष्णन का जीवन हमेशा समाज की सेवा करने और गरीबों एवं वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। मुझे विश्वास है कि वह एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे, जो हमारे संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय चर्चा को बढ़ाएंगे।’

अपने बधाई संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘उन्हें उम्मीद है कि नए उपराष्ट्रपति संसदीय परंपराओं को और समृद्ध करेंगे तथा विपक्ष के लिए समान स्थान और गरिमा सुनिश्चित करेंगे। वह सत्तारूढ़ व्यवस्था के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।’ विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे रेड्डी ने कहा कि वह विनम्रतापूर्वक हार स्वीकार करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र को केवल जीत से ही नहीं, बल्कि संवाद, असहमति और भागीदारी की भावना से मजबूत किया जाता है। रेड्डी ने यह भी कहा, ‘वैचारिक लड़ाई पहले से कहीं अधिक जोश के साथ जारी है।’

कांग्रेस के महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, ‘विपक्ष का प्रदर्शन निर्विवाद रूप से सबसे सम्मानजनक रहा। उसके संयुक्त उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी ने 40% वोट हासिल किए हैं। वर्ष 2022 में उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को 26% वोट मिले थे। भाजपा की गणितीय जीत वास्तव में एक नैतिक और राजनीतिक हार है। वैचारिक लड़ाई कम नहीं हुई है।’

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान कोयंबत्तूर से लोक सभा के दो बार सदस्य रहे राधाकृष्णन केंद्रीय मंत्री बनने के करीब आ गए थे, लेकिन 1998 में भाजपा के तत्कालीन फ्लोर प्रबंधकों द्वारा उनके नाम को लेकर कुछ भ्रम के बाद उन्हें साथी तमिलनाडु के ही राधाकृष्णन से हार माननी पड़ी।

राधाकृष्णन किशोरावस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए थे और संगठन में और बाद में भाजपा में तरक्की पाते गए। वह ओबीसी कोंगू वेल्लाला गौंडर समुदाय से आते हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में अपने वर्तमान कार्यकाल से पहले राधाकृष्णन ने झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के राज्यपाल के रूप में भी सेवाएं दी हैं।

तमिलनाडु के तिरुप्पुर में 20 अक्टूबर, 1957 को जन्मे राधाकृष्णन के पास बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री है। उन्हें 1996 में भाजपा की तमिलनाडु इकाई का सचिव नियुक्त किया गया था। बाद में 2004 और 2007 के बीच राधाकृष्णन ने तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में उन्होंने 93 दिनों तक चलने वाली 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा भी की।

(-एजेंसियां इनपुट के साथ)

First Published - September 10, 2025 | 8:53 AM IST

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