अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के अधिकारियों ने गुरुवार देर रात जानकारी दी कि एक 80 वर्षीय बुजुर्ग में ह्यूमन मेटाप्नीउमोवायरस (HMPV) संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह गुजरात में इस साल का दूसरा और भारत में एक बुजुर्ग में इस संक्रमण का पहला मामला है। चीन में हाल ही में HMPV संक्रमण के मामलों के बाद भारत में इस संक्रमण का यह नया मामला सामने आया है।
अहमदाबाद नगर निगम AMC ने बताया कि मरीज का इलाज अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में चल रहा है और उनकी कोई विदेश यात्रा की जानकारी नहीं है। मरीज को बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां गुरुवार को उनके सैंपल्स में HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई। AMC के अनुसार, “बुजुर्ग मरीज लंबे समय से अस्थमा का रोगी है, लेकिन फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है।”
HMPV एक वायरल संक्रमण है, जो आम सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है। यह संक्रमण ड्रॉपलेट्स, सीधे संपर्क और संभवतः हवा के जरिए फैलता है। इसके लक्षण हल्के (जैसे नाक बहना) से लेकर गंभीर (सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द) तक हो सकते हैं।
बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में बताया था कि HMPV कई प्रकार के श्वसन संक्रमण फैलाने वाले वायरसों में से एक है। यह संक्रमण सर्दियों और वसंत के शुरुआती महीनों में अधिक फैलता है। मंत्रालय ने कहा, “यह वायरस आमतौर पर हल्का होता है और ज्यादातर लोग खुद ही ठीक हो जाते हैं।”
AMC ने बताया कि गुजरात में HMPV का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 6 जनवरी को एक दो महीने के शिशु में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। हालांकि, वह पूरी तरह से ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी ले चुका है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस भारत में नया नहीं है। राज्य सरकारों को श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी बढ़ाने और लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि WHO ने बीते दिन पहली बार HMPV को लेकर चुप्पी तोड़ी थी। WHO की अधिकारी मार्गरेट हैरिस ने कहा था कि र्दियों और वसंत ऋतु के दौरान श्वसन संक्रमणों का बढ़ना सामान्य है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
मार्गरेट हैरिस ने बताया कि चीन के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Chinese CDC) के अनुसार, इस संक्रमण के लिए जिम्मेदार पैथोजन्स (रोगजनक) के बारे में पहले से ही पता था और इनसे निपटना आसान है। उन्होंने बताया कि ये पैथोजन्स मौसमी इन्फ्लुएंजा वायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV), ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस (HMPV) और कोविड-19 का कारण बनने वाला SARS-CoV-2 शामिल हैं। हैरिस ने यह स्पष्ट किया कि ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था और यह लंबे समय से मानव आबादी में मौजूद है। यह वायरस सर्दियों और वसंत के मौसम में सक्रिय होता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी जैसे होते हैं।