भारतीय आयकर कानून के तहत देश में स्थित किसी कैपिटल एसेट यानी पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर होने वाली कोई भी कमाई आयकर के दायरे में आती है। कई दफा भारत में मौजूद इन संपत्तियों की स्थिति को लेकर विवाद उठ खड़ा होता है। खासतौर पर अभौतिक संपत्तियां जैसे ट्रेडमार्क, […]
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विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कुछ उपयोगी घोषणाएं और लोक सूचनाएं जारी की हैं। निर्यात प्रोत्साहन पूंजी सामग्री (ईपीसीजी) योजना के तहत निर्यातकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे तीन साल के अंदर जिन उत्पादों या उसके सब्सिटयूट का निर्यात करते हैं, उनके निर्यात का सालाना औसत बरकरार रखें। इसमें यह […]
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हाल ही में कोलकाता में एक सेमिनार के दौरान इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के पूर्व अध्यक्ष पी एम नरेलवाला ने एक महत्त्वपूर्ण बयान जारी किया। नरेलवाला ने कहा कि एकाउंटिंग(लेखा) नीतियों का पालन करने और कानून का पालन करने में फर्क होता है। उन्होंने कहा कि एकाउंटिंग के पैमानों के अनुसार जब […]
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यह पहला मौका नहीं है, जब विमान पर सशर्त कर छूट समाचार पत्रों की हेडलाइन बन रही है। सीमा शुल्क विभाग ने वर्ष 1977 में कर में छूट मिले विमान को जब्त कर लिया था। उस समय की जानी मानी शख्सियत धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने इस विमान का आयात किया था जिन्हें छूट से इनकार नहीं […]
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रेफेरल फीस पर कर को लेकर भारत में चल रहे पहले न्यायिक परीक्षण में अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने इस मामले को स्थगित करते हुए कहा है कि सिंगापुर की कंपनी कशमैन ऐंड वेकफील्ड के मामले में इस पर कर नहीं लगाया जा सकता क्योंकि भारत में स्थायी बंदोबस्त की मौजूदगी नहीं है। एएआर […]
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सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह एक निर्णय सुनाया कि अगर कई प्रतिष्ठानों में क्रियाशीलता को लेकर एकता है, प्रबंधन में एकता है, वित्तीय एकता है, भौगोलिक निकटता है, निरीक्षण और नियंत्रण में एकता है और अगर उद्देश्य भी समान हो, तो कर्मचारी राज्य बीमा कानून के तहत उसे एक इकाई के तौर पर माना जा […]
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निर्यातकों के लिए एक अच्छी खबर है। सीमा शुल्क विभाग अब इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (ईडीआई) संबंधित सेवाओं के जरिये सीमा शुल्क स्टेशन पर उनके दावे को पूरा करने की कोशिश करेगा। हो भी क्यों नहीं, अब कोर बैंकिंग द्वारा अब देश के किसी कोने से वे अपने बैंक खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं। केलकर […]
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भारतीय न्यायिक विवाद निपटारा तंत्र वाणिज्य और निवेश क्षेत्रों में कालभ्रम की स्थिति में परिणत होता जा रहा है। इस तंत्र के प्रशासन में भाग लेने वाले वकील और न्यायिक कर्मी भी अपने करीबी मित्रों को इस बात की सलाह देते हैं कि वे मुकदमा लड़ने से पहले सौ बार सोचें। इस संबंध में एक […]
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आयकर कानून 1961 में पर्मानेंट इस्टाब्लिशमेंट (पीई) यानी स्थायी प्रतिष्ठान की परिभाषा नहीं दी गई है। लेकिन दोहरे कराधान मुक्त समझौते (डीटीएए) में पीई की परिभाषा कुछ इस तरह दी गई है- कारोबार का एक नियत स्थान, जहां किसी उपक्रम का व्यापार अंशत: या पूर्णत: निष्पादित किया जाता हो। इसमें मुख्यत: प्रबंधन का स्थान, शाखा, […]
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आवासीय कॉम्प्लेक्स निर्माण को सेवा कर के दायरे में पहली बार 16 जून 2005 में लाया गया था। इसे लाने का मुख्य उद्देश्य था कि आवासीय परिसंपत्ति के साथ-साथ निर्माण गतिविधियों पर भी सेवा कर आरोपित किया जाए। इस मामले में एक सवाल उठा कि ऐसे डेवलपर जो एक आवासीय परियोजना का निर्माण करने के […]
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