वामपंथियों ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का साथ छोड़ दिया है। इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि आर्थिक स्तर पर कुछ सुधार शीघ्र ही देखने को मिल सकते हैं। इसी कड़ी में सबसे पहले उम्मीद की जा रही है कि अप्रत्यक्ष करों की श्रृंखला में लॉ ऑफ अनजस्ट एनरिचमेंट यानी अनुचित संवर्धन कानून […]
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भारत के इतिहास में 22 जुलाई 2008 का दिन काफी महत्वपूर्ण हो गया। उस दिन मनमोहन सिंह की सरकार ने विश्वास मत हासिल किया, वहीं स्टॉक मार्केट भी अच्छी उछाल लेकर बंद हुआ। उस दिन तो तेल की कीमतें भी थोड़ी कम हुई और इससे भारतीय कंपनियों में थोड़ी खुशी की लहर दौड़ गई। इस […]
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केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने 24 जुलाई 2008 को एक सर्कुलर (संख्या 122008) दिया है, जिसमें निर्यातोन्मुखी इकाइयों (ईओयू) के लिए काफी मुश्किलें खड़ी की गई है। अब ईओयू को अपनी लागत या कच्चा माल के बारे में सारी जानकारियों का भी ब्योरा देना होगा। यह ब्योरा स्टैंडर्ड इनपुट आउटपुट नॉम्स (एसआईओएन) […]
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उपायुक्त (अपील) या ट्रिब्यूनल या न्यायालय के पास जो रिमांड का अधिकार होता है, उसका इस्तेमाल कर वह उस निचली अथॉरिटी को किसी मामले को फिर से भेज सकता है, जिस पर उस निचली अथॉरिटी ने फैसला सुना दिया हो। इस तरह की स्थिति इसलिए बनती है, क्योंकि उपायुक्त या ट्रिब्यूनल या न्यायालय ऐसा महसूस […]
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ऐसे कई उत्पाद हैं जिनकी बिक्री के बाद डीलर या वितरक उत्पाद संबंधी सेवाएं उपभोक्ताओं को देते हैं। बिक्री के बाद होने वाली इन सेवाओं पर अप्रत्यक्ष कर लगाया जाए या नहीं, इसे लेकर लंबे समय तक विवाद चलता रहा है। डीलरों को इन सेवाओं पर जो खर्च उठाना पड़ता है, उसे कर के निर्धारण […]
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हाल में रैनबैक्सी को लेकर जो हंगामा हो रहा है, उस संबंध में यह बात उठने लगी है कि अपनी क्रियाशीलता को लेकर कंपनियों को सेबी के तहत वस्तुगत शेयरों और अधिकारों के अधिग्रहण को लेकर विपरीत परिस्थतियों में कही विवादों का जन्म तो नहीं हो रहा है। यह बात सूचीबध्द कंपनियों के लिए ज्यादा […]
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सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश की कंपनी विक्रम सीमेंट के कर्मचारियों को यह निर्देश दिया कि अगर वे अपनी नौकरी की समाप्ति को चुनौती देना चाहते हैं, तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के तहत हासिल की गई रकम को वापस करें। वर्ष 2001 में 1500 कर्मचारियों में से 460 कर्मचारियों ने अंतिम निपटान के तौर पर […]
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भारतीय आयकर कानून के तहत देश में स्थित किसी कैपिटल एसेट यानी पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर होने वाली कोई भी कमाई आयकर के दायरे में आती है। कई दफा भारत में मौजूद इन संपत्तियों की स्थिति को लेकर विवाद उठ खड़ा होता है। खासतौर पर अभौतिक संपत्तियां जैसे ट्रेडमार्क, […]
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विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कुछ उपयोगी घोषणाएं और लोक सूचनाएं जारी की हैं। निर्यात प्रोत्साहन पूंजी सामग्री (ईपीसीजी) योजना के तहत निर्यातकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे तीन साल के अंदर जिन उत्पादों या उसके सब्सिटयूट का निर्यात करते हैं, उनके निर्यात का सालाना औसत बरकरार रखें। इसमें यह […]
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हाल ही में कोलकाता में एक सेमिनार के दौरान इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के पूर्व अध्यक्ष पी एम नरेलवाला ने एक महत्त्वपूर्ण बयान जारी किया। नरेलवाला ने कहा कि एकाउंटिंग(लेखा) नीतियों का पालन करने और कानून का पालन करने में फर्क होता है। उन्होंने कहा कि एकाउंटिंग के पैमानों के अनुसार जब […]
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