कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे के संदर्भ में फ्रांस के एक समाचार पोर्टल की खबर को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसने सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ सांठगांठ करके इस ‘घोटाले’ पर पर्दा डाला और यह बात अब उजागर हो चुकी है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिये जांच होनी चाहिए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘जब पग-पग पर सत्य साथ है, तो फिक्र की क्या बात है? मेरे कांग्रेस साथियों भ्रष्ट केंद्र सरकार के खिलाफ ऐसे ही लड़ते रहो। रुको मत, थको मत, डरो मत!’
कांग्रेस और राहुल गांधी की ओर से ये आरोप उस वक्त लगाए गए हैं जब फ्रांस के पोर्टल ‘मीडिया पार्ट’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि राफेल निर्माता कंपनी दसॉ की ओर से बिचौलियों को कम से कम 75 लाख यूरो की रिश्वत देने के लिए कथित फर्जी रसीदों का उपयोग किया गया है। कांग्रेस और इस पोर्टल के दावों पर फिलहाल रक्षा मंत्रालय एवं दसॉ की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उधर, इस पोर्टल के खबर के आधार पर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इंडियन नैशनल कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) का नाम बदल कर ‘आई नीड कमीशन (मुझे कमीशन चाहिए)’ कर दिया जाना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि राहुल गांधी ‘अफवाह, झूठ और भ्रामक सूचनाएं’ फैलाते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार द्वारा ‘राफेल सौदे’ में भ्रष्टाचार, रिश्वत और मिलीभगत को दफनाने के लिए ‘ऑपरेशन कवर-अप (मामले को रफा-दफा करने का अभियान)’ एक बार फिर उजागर हो गया है। नवीनतम खुलासे से राफेल घोटाले पर पर्दा डालने के लिए मोदी सरकार-सीबीआई-ईडी के बीच संदिग्ध सांठगांठ का पता चलता है।’
उनके मुताबिक, ‘4 अक्टूबर 2018 को भाजपा के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और एक वरिष्ठ वकील ने राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए निदेशक, सीबीआई को शिकायत सौंपी। 11 अक्टूबर 2018 को मॉरीशस सरकार ने अपने अटॉर्नी जनरल के माध्यम से राफेल सौदे से जुड़े कमीशन के कथित भुगतान के संबंध में सीबीआई को दस्तावेजों की आपूर्ति की थी।’
