भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards – BIS) द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिक रहे उत्पादों की निगरानी के दौरान गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। BIS ने विभिन्न गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (Quality Control Orders) के तहत अनिवार्य प्रमाणन वाले कुल 344 उत्पादों के नमूने लिये, जिनमें से 142 उत्पाद बिना वैध BIS प्रमाणन के पाए गए।
इन उल्लंघनों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए, BIS ने देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स कंपनियों के 22 गोदामों पर सर्च और जब्ती (Search & Seizure) की कार्रवाई की। इन छापों में मुख्य रूप से अमेज़न, इंस्टाकार्ट और ब्लिंकिट जैसे बड़े प्लेटफॉर्म शामिल थे। यह जानकारी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
इस कड़ी कार्रवाई में BIS ने 12 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में 22 ई-कॉमर्स गोदामों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। इन राज्यों में दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र में तीन-तीन ऑपरेशन हुए, जबकि राजस्थान और तमिलनाडु में दो-दो, और गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड में एक-एक तालाशी अभियान हुए।
बीआईएस ने इन छापों के दौरान बड़ी संख्या में अप्रमाणित उत्पादों को जब्त किया और उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार किया। प्रिंट, सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया है। साथ ही, BIS के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर (X) पर भी जानकारी साझा की गई। साथ ही BIS ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे ऑनलाइन खरीदारी करते समय यह सुनिश्चित करें कि उत्पादों पर BIS का वैध ISI मार्क या प्रमाणन संख्या मौजूद हो, ताकि गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री ने संसद में कहा कि ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन के बीच भारतीय मानक ब्यूरो ने बिना प्रमाणन वाले उत्पादों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। यह कार्रवाई उपभोक्ताओं की सुरक्षा और हितों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।