मुंबई में सुबह-सुबह बस चालकों की अचानक की गई हड़ताल से लोगों को परेशान होना पड़ा । बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम के ठेका कर्मचारी मुंबई में अचानक हड़ताल पर चले गए। इस अचानक हुई हड़ताल से बस का इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी परेशानी हुई, स्टॉप पर बस के आने का इंतजार करते हुए यात्रियों की लंबी कतार लग गई।
मुंबई के आजाद मैदान में सुबह से ही कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और बेहतर सेवाओं की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। बेस्ट के प्रवक्ता ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर एसएमटी के कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पूर्वी उपनगरों में बेस्ट के घाटकोपर और मुलुंड डिपो में काम बंद कर दिया, जिससे कई बस मार्गों पर सेवाएं प्रभावित हुईं।
बेस्ट और नगर पालिका के बजट को मिलाने की मांग
कर्मचारियों की मांग है कि बेस्ट और नगर पालिका के बजट को मिला दिया जाए। इससे कार्यक्षमता और जवाबदेही बेहतर होगी। उन्होंने विभिन्न मार्गों पर बसों की संख्या बढ़ाने और क्षतिग्रस्त बसों को उपयोग में लाने से पहले पूरी तरह से मरम्मत करने का भी आह्वान किया है।
सार्वजनिक परिवहन निकाय ने अभी तक निजी बस ऑपरेटर के कर्मचारियों की अचानक हड़ताल और उससे पड़ने वाले प्रभाव पर कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया। लेकिन कर्मचारियों ने दावा किया कि कई मार्ग जहां डागा समूह की बसों के साथ सेवाएं संचालित की गईं, वे गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
बेस्ट उपक्रम महानगर में सार्वजनिक बस सेवाएँ प्रदान करता है
जानकारी के लिए बता दें कि बेस्ट उपक्रम महानगर में सार्वजनिक बस सेवाएँ प्रदान करता है। बेस्ट ने डागा समूह सहित कुछ ठेकेदारों से वेट लीज मॉडल पर बसें किराए पर ली हैं, जिसके तहत निजी ऑपरेटर वाहनों के मालिक हैं, इसके अलावा रखरखाव, ईंधन और ड्राइवरों के वेतन की जिम्मेदारी भी लेते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब कर्मचारी अचानक हड़ताल पर गए है, इससे पहले 18 जुलाई को वडाला बस डिपो में वेट लीज बसों के 30 ड्राइवर अचानक हड़ताल पर चले गए थे। बेस्ट उपक्रम मुंबई में सार्वजनिक परिवहन की जरुरत को पूरा करने के लिए वेट लीज मॉडल पर निजी ठेकेदारों से बसें किराए पर लेती है। वेट लीज मॉडल के तहत, निजी ऑपरेटर ड्राइवरों के रखरखाव, ईंधन और वेतन की जिम्मेदारी उठाते हैं।
गौरतलब हो कि 75 वर्ष पुरा कर चुकी बेस्ट मुंबई और पड़ोसी ठाणे, नवी मुंबई और मीरा-भायंदर शहरों में प्रतिदिन 30 लाख से अधिक यात्रियों को अपनी बसों से यात्रा कराता है। इसके 3,600 बसों के बेड़े में 400 से अधिक ई-बसें शामिल हैं।