महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल (MSRTC) की पांच हजार डीजल बसों को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) में बदलने के लिए राज्य सरकार ने किंग गैस कंपनी के साथ एक समझौता करार किया है। इस समझौते से महामंडल को हर साल 234 करोड़ रुपये की बचत होगी साथ ही प्रदूषण में 10 फीसदी तक की कमी आएगी।
एलएनजी वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों में परिवर्तित करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में किंग्स गैस कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
समझौता करार होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि एलएनजी ईंधन के इस्तेमाल से डीजल ईंधन वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लगभग दस फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही महामंडल को हर साल 234 करोड़ रुपये बचाने में भी मदद मिलेगी। यात्रियों को किफायती और पर्यावरण अनुकूल सेवाएं मिलेंगी ।
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव पराग जैन और किंग गैस कंपनी के प्रबंध निदेशक कुरेशी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉक्टर माधव कुसेकर और महाप्रबंधक (भंडारण एवं क्रय) वैभव वाकोडे उपस्थित थे।
महाराष्ट्र परिवहन विभाग के प्रधान सचिव पराग जैन ने कहा कि आने वाले तीन वर्षों में कुल 5000 डीजल वाहनों का एलएनजी वाहनों में रूपांतरण 6 चरणों में किया जाएगा। पूरी पांच हजार बसों का रुपांतरण होने के बाद महामंडल को हर साल करीब 234 करोड़ रुपए बचाने में मदद मिलेगी। राज्य के 90 डिपो में एलएनजी ईंधन भरने की सुविधा मुहैया करायी जाएगी।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल के पास डीजल ईंधन पर चलने वाले लगभग 16 हजार यात्री वाहन हैं। महामंडल के कुल खर्च का करीब 34 फीसदी डीजल पर खर्च होता है।
हरित परिवहन की कनस्पेट को लागू करने के लिए डीजल के बजाय वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल करने के लिए उद्योग विभाग ने महाराष्ट्र के लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में एलएनजी की आपूर्ति करने के लिए किंग्स गैस प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू किया है।
इसमें परिवहन के लिए एलएनजी का इस्तेमाल और आपूर्ति शामिल है। परिवर्तित किए गए वाहनों का रखरखाव परिवर्तित करने वाली कंपनी के माध्यम से किया जाएगा और महामंडल द्वारा रखरखाव का खर्च वहन किया जाएगा।