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मुंबई में ₹1.05 लाख करोड़ के टनल रोड नेटवर्क से भीड़भाड़ घटेगी, शहर को मिलेगी निर्बाध कनेक्टिविटी

इस परियोजना का मकसद शहर में भीड़भाड़ कम करना और कनेक्टिविटी में सुधार करना है

Last Updated- November 09, 2025 | 9:59 PM IST
tunnel
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने मुंबई महानगर क्षेत्र में 1.05 लाख करोड़ रुपये के एकीकृत टनल रोड नेटवर्क के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम शुरू कर दिया है। इस परियोजना का मकसद शहर में भीड़भाड़ कम करना और कनेक्टिविटी में सुधार करना है।

यह पहल सड़क और मेट्रो रेल प्रणाली के साथ यात्रा की एक तीसरी व्यवस्था करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।  एमएमआरडीए मुंबई महानगर में विकास गतिविधियों की योजना बनाने और समन्वय के लिए एक शीर्ष निकाय है।

मुंबई कोस्टल रोड, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) हाई-स्पीड रेल स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) को जोड़ने के लिए एक उच्च क्षमता वाले मोबिलिटी नेटवर्क के रूप में भूमिगत गलियारे का प्रस्ताव किया गया है। इससे वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (डब्ल्यूईएच) और एसवी रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर भीड़भाड़ कम होने की भी उम्मीद है।

लगभग 70 किलोमीटर में फैली टनल व्यवस्था का विकास 3 चरणों में होगा। मुंबई की सड़क परिवहन और मेट्रो के पूरक के रूप में इसकी डिजाइन तैयार की गई है। एमएमआरडीए ने कहा कि मल्टी मोडल नेटवर्क से परिवहन की दक्षता बढ़ेगी, यात्रा का समय कम होगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी।

पहले चरण में करीब 16 किलोमीटर का खंड है। यह वर्ली सी लिंक, बीकेसी और एटरपोर्ट लूप को जोड़ेगा। इससे डब्ल्यूईएच और एसवी रोड पर भीड़ कम होगी।  इस चरण की अनुमानित लागत 24,000 करोड़ रुपये होगी और यह मुंबई -अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के साथ जुड़ेगा।

दूसरे चरण में  लगभग 10 किलोमीटर निर्माण होना है। इसके माध्यम से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (ईईएच) और डब्ल्यूईएच को जोड़ा जाएगा, ताकि शहर में भीड़भाड़ कम हो सके। इसकी अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपये है। तीसरे चरण में 44 किलोमीटर का उत्तर-दक्षिण गलियारा बनना है। यह यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए होगा। इस चरण की अनुमानित लागत 66,000 करोड़ रुपये है।

भूमि की सीमित उपलब्धता और उच्च जनसंख्या घनत्व को देखते हुए भूमिगत नेटवर्क को एक स्थायी समाधान के रूप में देखा जा रहा है। इससे जमीन पर बने इन्फ्रास्ट्रक्चर को बाधित किए बिना क्षमता का विस्तार हो सकेगा।

परियोजना को यातायात की जरूरतों और भविष्य की मांग के आधार पर विभिन्न चरणों में लागू किया जाएगा। एमएमआरडीए ने कहा कि इस नेटवर्क से भूमिगत यातायात बढ़ेगा और सड़कों पर भीड़ कम होगी और शहर की मूल्यवान जगह बचेगी।

एमएमआरडीए के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 30 सितंबर, 2025 को पहले चरण के लिए तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन और डीपीआर  तैयारी के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। निविदा 10 अक्टूबर को जारी की गई थी और 17 अक्टूबर को बोली  पूर्व बैठक हुई थी। बोलियां 17 नवंबर, 2025 को खुलने वाली हैं।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रस्तावित नेटवर्क मुंबई में निर्बाध, बहु-स्तरीय कनेक्टिविटी की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, ‘मुंबई का एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में  बदलना यहां पर लोगों की और वस्तुओं की कुशल आवाजाही पर निर्भर है।’

 शिंदे ने कहा कि यह कदम कई स्तर के और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से बुनियादी ढांचे की योजना की दिशा में है। उन्होंने कहा कि कोस्टल रोड, मेट्रो कॉरिडोर और बुलेट ट्रेन के साथ एकीकरण ‘मिनटों में मुंबई’ को हकीकत बना देगा।

एमएमआरडीए महानगर आयुक्त डॉ. संजय मुखर्जी ने कहा कि डीपीआर में परियोजना की तकनीकी व्यवहार्यता, पर्यावरणीय प्रभाव और इकनॉमिक व्यवहार्यता का आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘डीपीआर को अंतिम रूप मिलने और इसे मंजूरी मिलने के बाद शहर की जरूरतों के मुताबिक विभिन्न चरणों में लागू किया जाएगा।’

First Published - November 9, 2025 | 9:58 PM IST

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