सहालग के इस मौसम में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ के लिए धर्मनगरी अयोध्या और वाराणसी उत्तर प्रदेश में सबसे पसंदीदा स्थल के रूप में उभर कर सामने आए हैं। पिछले साल राम मंदिर उद्घाटन के बाद से अयोध्या को लेकर देश-दुनिया में लोगों की उत्सुकता इस कदर जगी है कि यहां आने वाले पर्यटकों की तादाद में कई गुना बढ़ोतरी हुई है।
काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने के बाद से वाराणसी में हर रोज आने वालों की संख्या पहले से ही बढ़ती जा रही है। जहां वाराणसी में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए मांग बीते दो सालों से बढ़ी है, वहीं इस साल अयोध्या के लिए खासी होड़ मची है। हालत यह है कि हाल ही में शुरू हुए सहालग के सीजन के लिए अयोध्या में छह महीने पहले से ही विवाह के लिए उपलब्ध स्थानों की बुकिंग फुल हो चुकी है।
इस बार 2 नवंबर से शुरू होकर 6 दिसंबर तक कुल 17 दिन विवाह का शुभ मुहूर्त है और इन सभी दिनों के लिए अयोध्या में कोई भी रिसॉर्ट, मैरिज लॉन या शादी घरों में जगह खाली नहीं है। इतना ही नहीं मार्च-अप्रैल के सहालग सीजन के लिए भी अभी से अयोध्या में बुकिंग फुल हो रही है।
यूपी होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सहालग के सीजन में कई महीने पहले ही अयोध्या के कई मैरिज ल़ॉन बुक हो चुके थे। उनका कहना है कि नवंबर में ही अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वजारोहण का भव्य कार्यक्रम होना है जिसके चलते भी पूरे महीने होटलों के कमरों की बुकिंग फुल जा रही है।
राम मंदिर पर 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण कर निर्माण के पूरा होने का ऐलान करेंगे। इसके इतर सहालग में 6 दिसंबर तक के लिए अयोध्या में होटलों से लेकर गेस्टहाउसों और यहां तक कि होम स्टे में भी तिल रखने की जगह नहीं बची है। वीरेंद्र का कहना है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली की पार्टियों ने शादियों के लिए सबसे ज्यादा बुकिंग कराई है।
अयोध्या के दीपक सिंह बताते है कि मैरिज हॉल, लॉन और होटलों के किराए शादी के लिए कई महीने से पहले इस कदर बढ़ गए कि स्थानीय लोगों को अपने आयोजनों के लिए आसपास के कस्बों व बाजारों का रुख करना पड़ा है। उनका कहना है कि नवंबर और दिसंबर में खास अयोध्या के अच्छे होटलों में कमरे 10,000 रुपये प्रति दिन पहुंच गए हैं।
स्थानीय ही नहीं बल्कि अब तो बाहर से आने वाले भी शादियों के लिए बीकापुर, कुमारगंज, तारून और लखनऊ रोड पर बने होटलों या मैरिज लॉन की बुकिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अयोध्या के पापुलर डेस्टिनेशन में शादी के लिए लाखों रूपये किराया वसूला जा रहा है।
वाराणसी में भी सहालग के सीजन में खासी मारा-मारी देखने को मिल रही है। नवंबर के महीने में शादियों के लिए बाहरी बुकिंग का आलम यह है कि काशी-विश्ववनाथ कॉरिडोर के पांच किलोमीटर के दायरे में कोई धर्मशाला या मठ तक खाली नहीं बचे हैं जबकि होटलों में तो भारी प्रीमियम पर पहले ही बुकिंग हो चुकी है।
वाराणसी के होटल व्यवसायी विजय शंकर का कहना है कि सारनाथ में और जौनपुर रोड पर बने मैरिज लॉन तक महीनों पहले बुक हो चुके हैं। उनका कहना है कि हाल के दिनों में वाराणसी क्षेत्र में बड़ी तादाद में होटल और मैरिज लॉन बने हैं फिर वो मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। दक्षिण भारत के तमिलनाडु से ही कम से कम दो दर्जन शादियों के लिए बुकिंग नवंबर के महीने के लिए वाराणसी में कराई गई है।
इतनी बड़ी तादाद में शादियों के लिए टूट रही भीड़ के चलते वाराणसी और अयोध्या में स्थानीय ही नहीं बल्कि दिल्ली, कानपुर व लखनऊ के कैटरर्स व इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां पहुंच गई हैं। लखनऊ के मैरिज प्लानर शरफ अब्बास बताते हैं कि अयोध्या में कई जगहें तो पहले से ही इवेंट कंपनियों ने बुक कर रखी थी और बाकायदा 10 लाख से शुरू कर 75 लाख रुपये के पैकेज पर पूरा शादी करा रहे हैं।
उनका कहना है कि वाराणसी से ज्यादा जोर इस बार लोगों का अयोध्या पर है। राजधानी लखनऊ के न्यू रॉयल कैटरर्स के आशीष बाजपेयी का कहना है कि अयोध्या में सात्विक पैकेज के दाम 1,200 रुपये प्रति प्लेट से शुरू हो कर 3,200 रुपये तक चल रहे हैं और अब तो बड़ी तादाद में स्थानीय कैटरर्स भी बड़ी शादियां करा रहे हैं।