Dharavi Redevelopment: धारावी पुनर्विकास परियोजना का असर आसपास के रियल एस्टेट बाजार पर भी दिखेगा। धारावी मुंबई के बीचोबीच स्थित है और कारोबारी इलाके बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से सटा हुआ है। उद्योग को लगता है कि ऐसी जगह बसे होने और मेट्रो, बुलेट ट्रेन तथा सड़क समेत शानदार कनेक्टिविटी होने का धारावी को बहुत फायदा मिलेगा।
मुंबई की कंपनी द गार्डियन्स रियल एस्टेट एडवाइजरी के सह-संस्थापक और निदेशक जयेश राठौड़ ने कहा, ‘धारावी मध्य मुंबई में 590 एकड़ में फैली है। इसके इस्तेमाल की प्रकृति के कारण अभी तक डेवलपर उसके आसपास परियोजनाएं नहीं बना सके हैं।’ उन्होंने बताया कि धारावी के आसपास परियोजनाओं के लिए उन्हें पहले कभी अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली क्योंक धारावी के बारे में लोगों की धारणा अलग थी। अब धारणा बदलने की उम्मीद है।
धारावी भारत के सबसे महंगे दफ्तरों वाले इलाके बीकेसी के बगल में है। उसके आसपास कुछ शानदार रिहायशी इमारतें और मॉल भी हैं। यह परियोजना अपनी संभावित परिस्थितियों, शानदार लोकेशन और बेहतरीन कनेक्टिविटी जैसी वजहों से मुंबई के डेवलपरों के बीच चर्चा में है। मुंबई की कंपनी अजमेरा रियल्टी ऐंड इन्फ्रा के निदेशक धवल अजमेरा ने कहा कि डेवलपर इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए के लिए पहले ही कमर कस रहे हैं क्योंकि जल्द पूरा होने पर धारावी के आसपास तेजी से पनपते बाजार में उन्हें दूसरों पर बढ़त मिल जाएगी।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया- महाराष्ट्र चैंबर ऑफ हाउसिंग इंडस्ट्री के अध्यक्ष और रोमेल ग्रुप के निदेशक डॉमिनिक रोमेल ने कहा कि धारावी के पुनर्विकास पर पूरे रियल एस्टेट उद्योग की नजर है। सूरज एस्टेट डेवलपर्स के पूर्णकालिक निदेशक राहुल थॉमस ने भी कहा कि उनकी कंपनी इस पर करीबी नजर रख रही है।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार धारावी की खास लोकेशन और बेहतर कनेक्टिविटी मिश्रित उपयोग के लिए उसके आसपास के इलाके की मांग बहुत बढ़ा सकती है। नाइट फ्रैंक इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक गुलाम जिया ने कहा, ‘प्रशासन इस परियोजना के तहत निर्माण को बीकेसी के करीब रख सकता है।’
मुंबई की एक अन्य सूचीबद्ध फर्म आर्केड डेवलपर्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अमित जैन मानते हैं कि फिलहाल धारावी और उसके आसपास के इलाकों में मांग इसलिए ज्यादा है क्योंकि मध्य मुंबई में जमीन बहुत कम बची है और पारंपरिक बाजारों में प्रॉपर्टी की कीमत बहुत ज्यादा हो गई है।
राठौड़ ने कहा कि फिलहाल मांग सामान्य है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि निर्माण के कारण मांग बहुत अधिक है क्योंकि पुनर्विकास का पूरा प्रभाव अभी सामने नहीं आया है।’
धारावी का इलाका मुंबई मेट्रो लाइन 3 से जुड़ा है। बुनियादी ढांचे के विकास से अक्सर प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ जाती हैं। उद्योग को लगता है कि धारावी के आसपास के इलाकों में को-वर्किंग स्पेस, रिटेल आउटलेट और आतिथ्य सेवा कारोबार में वृद्धि होगी। एक अन्य मेट्रो पश्चिमी इलाकों को धारावी से जोड़ेगी और यह इलाका पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे, पूर्वी एक्सप्रेसवे के करीब है। इसके अलावा वह वर्ली सी लिंक से भी कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है, जो नवी मुंबई में बन रहे नए हवाई अड्डे को जोड़ने वाली तटीय सड़क का हिस्सा है।
उद्योग के अगुआ मानते हैं कि धारावी के आसपास का इलाका लक्जरी और मझोली दोनों तरह की परियोजनाओं के लिए एकदम सटीक है। उनका कहना है कि जमीन महंगी होने के कारण सस्ते आवास अधिक आकर्षक नहीं होंगे। ऐसे में इस जगह से अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
जिया ने कहा, ‘माहिम, सायण, कुर्ला और बांद्रा जैसे धारावी के आसपास के इलाकों में पुनर्विकास गतिविधियां जोरों पर हैं। अदाणी, प्रेस्टीज और एलऐंडटी जैसी प्रमुख कंपनियों ने बड़ी परियोजनाएं शुरू की हैं। इन इलाकों के आसपास जैसा विकास हो रहा है, वैसा ही धारावी के करीब भी होगा।’
जहां तक वाणिज्यिक रियल एस्टेट का सवाल है तो धारावी के पुनर्विकास के बाद आसपास के इलाकों में किराया 200 से 500 रुपये प्रति वर्ग फुट से अधिक हो सकता है। उद्योग के जानकारों को लगता है कि धारावी का इलाका बीकेसी का ही विस्ता बन जाएगा और वहां भी बीकेसी जैसा किराया मिल सकता है। नाइट फ्रैंक के अनुसार धारावी के आसपास के बाजारों में रिहायशी परियोजनाओं की कीमतें 50,000 से 60,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक हैं और वे लक्जरी एवं प्रीमियम श्रेणियों में आती हैं।
धारावी के आसपास रिहायश की स्थिति, बुनियादी ढांचे और रोजगार के संभावित अवसरों के मद्देनजर विशेषज्ञों को यह मिश्रित उपयोग वाली प्रॉपर्टी का केंद्र बनता दिख रहा है। उनका कहना है कि रिहायशी प्रॉपर्टी के दाम चरणबद्ध तरीके से बढ़ेंगे क्योंकि पुनर्विकास के कारण आपूर्ति भी अधिक होगी।
इधर वैस्कॉन इंजीनियर्स के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मूर्ति को लगता है कि कीमतें मांग और आपूर्ति से तय होंगी। उन्होंने कहा, ‘मगर मुझे लगता है कि धारावी के आसपास कीमतें ऊंची बनी रहेंगी क्योंकि उसकी लोकेशन और कनेक्टिविटी अच्छी है। साथ ही भविष्य की संभावनाएं भी बेहतर दिख रही हैं।’
धारावी की पुनर्विकास परियोजनाओं का संचालन नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह अदाणी समूह और महाराष्ट्र सरकार के धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण/झुग्गी पुनर्विकास प्राधिकरण की इकाई है। इस परियोजना पर राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है और काफी कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि धारावी के लोग और कारोबारी कितनी जल्दी इस परियोजना को अपनाते हैं।
पिछले महीने बंबई उच्च न्यायालय ने संयुक्त अरब अमीरात की निर्माण एवं रियल एस्टेट कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजिज कॉरपोरेशन (एसटीसी) द्वारा दायर रिट याचिका खारिज कर दी। इसमें परियोजना के आवंटन को चुनौती दी गई थी। राज्य के अधिकारियों ने नवंबर 2022 में इस परियोजना के लिए अदाणी समूह की कंपनी अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को तरजीही बोलीदाता घोषित किया गया था। अगर सेकलिंक सर्वोच्च न्यायालय का रुख करती है तो इस परियोजना में कुछ देरी हो सकती है।