Tata Motors Share: टाटा मोटर्स, जिसे पहले टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के नाम से जाना जाता था, के शेयर ने शुक्रवार को बीएसई पर 359.90 रुपये का नया हाई छू लिया। शेयर में लगभग पांच प्रतिशत की तेजी देखने को मिली, और यह लगातार तीसरे दिन बढ़त में रहा। तीन दिनों में यह कुल 13 प्रतिशत चढ़ चुका है और नवंबर 2025 में 306 रुपये के निचले स्तर से 18 प्रतिशत की रिकवरी दिखा चुका है। कंपनी ने अपना बाजार में डेब्यू 12 नवंबर 2025 को किया था। दूसरी तरफ, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, जिसे पहले टाटा मोटर्स कहा जाता था, का शेयर शुक्रवार को 355 रुपये पर आ गया, जो लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट है। पूरे नवंबर महीने में यह शेयर 13 प्रतिशत गिर चुका है, जिसकी वजह से निवेशक चिंतित हैं।
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने 25 नवंबर को टाटा मोटर्स के लिए कहा है कि कंपनी की स्थिति “स्टेबल” है। इसका मतलब है कि एजेंसी को भरोसा है कि अगले दो साल तक कंपनी की आर्थिक हालत अच्छी बनी रहेगी। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, सरकार सड़कों और निर्माण के काम पर ज्यादा पैसा खर्च कर रही है, और लोग भी ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं। इन सब कारणों से ट्रक और दूसरे बड़े वाहनों की मांग बढ़ेगी, जिससे टाटा मोटर्स को फायदा होगा।
एजेंसी का यह भी कहना है कि ब्याज दरें कम रहने से कंपनी को काम चलाने में और आसानी होगी। उन्हें उम्मीद है कि टाटा मोटर्स के पास आने वाले समय में अच्छा पैसा आता रहेगा और कंपनी को ज्यादा कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। टाटा मोटर्स एक विदेशी कंपनी Iveco Group को खरीदने की सोच रही है। इससे कर्ज थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन एजेंसी का मानना है कि यह सौदा कंपनी के कारोबार को और मजबूत करेगा, इसलिए इसका बुरा असर नहीं पड़ेगा।
पिछले महीने एस एंड पी ग्लोबल ने टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स की रेटिंग “नेगेटिव” कर दी। मतलब, एजेंसी को कंपनी के भविष्य को लेकर चिंता है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इसकी दूसरी कंपनी, जगुआर लैंड रोवर यानी जेएलआर, पर साइबर हमला हुआ था। यह हमला 31 अगस्त 2025 को हुआ और इसके बाद सितंबर पूरा महीना और अक्टूबर के पहले हफ्ते तक जेएलआर की फैक्ट्रियों में काम पूरी तरह बंद रहा।
अब जेएलआर ने काम फिर से शुरू कर दिया है, लेकिन अभी भी सबकुछ पहले जैसा नहीं चला है। इसके कारण नुकसान ज्यादा हुआ है। डिमर्जर के बाद टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स की लगभग 80 प्रतिशत कमाई जेएलआर से आती है, इसलिए जेएलआर की समस्या का सीधा नकारात्मक असर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स पर पड़ा है।
जेएलआर ने साल 2026 के लिए बहुत कम मुनाफे और काफी बड़े घाटे वाला कैश फ्लो बताया है। इससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि आगे कंपनी की कमाई कमजोर रहने की उम्मीद है।
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जुलाई से सितंबर (Q2 FY26) की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय टाटा मोटर्स के वाहनों की मांग तेज रही। कंपनी कहती है कि अच्छा मानसून होने, उपभोक्ताओं का सकारात्मक रुख और जीएसटी दरें कम होने की वजह से ट्रक, बस और दूसरे बड़े वाहनों की बिक्री बढ़ी।
साथ ही, निर्माण, खनन और सड़क–पुल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम फिर से तेज हो गए हैं, इसलिए टिपर और भारी गाड़ियों की मांग और बढ़ गई। कंपनी का मानना है कि साल 2026 के बाकी महीनों में भी ऐसी ही मजबूत मांग बनी रहेगी।
FY26 के लिए टाटा मोटर्स ने अपनी आगे की योजना साफ कर दी है। कंपनी चाहती है कि ट्रकों की बिक्री में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखे और निजी इस्तेमाल वाली एमसीवी बसों में अपना बाजार बढ़ाए। कंपनी महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना में मिले सरकारी टेंडरों की गाड़ियां डिलिवर करने की तैयारी भी कर रही है। इसके अलावा, कंपनी Ace Pro, Ace और Intra जैसी छोटी गाड़ियों का उत्पादन ज्यादा करने की योजना बना रही है। टाटा मोटर्स का कहना है कि वह अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाए रखने और मुनाफा अच्छा रखने पर खास ध्यान देगी, ताकि आने वाले समय में कंपनी की कमाई स्थिर रहे।