जुलाई-सितंबर तिमाही में वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) को ट्रेडिंग नुकसान हो सकता है क्योंकि सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल सख्त हुआ है, जो अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में हुई तीव्र बढ़ोतरी को ट्रैक करता है। बेंचमार्क 10 वषीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड का प्रतिफल इस अवधि में 73 आधार अंक बढ़ा है। बेंचमार्क 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों का […]
आगे पढ़े
RBI Floating Rate Savings Bonds : अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं (small savings schemes) पर ब्याज दरों को लेकर सरकार एक-दो दिनों में निर्णय ले सकती है। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों का निर्धारण हर तिमाही किया जाता है। इस बात की संभावना है कि सरकार आने वाली तिमाही के लिए एनएससी […]
आगे पढ़े
घरेलू बॉन्ड बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को आकर्षित करने का भारत का प्रयास नाकाम भी हो सकता है क्योंकि क्योंकि भारत और अमेरिका की बॉन्ड यील्ड में अंतर काफी कम हो गया है। भारत के 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड और अमेरिका के 10 वर्षीय बॉन्ड की यील्ड में अंतर पिछले 17 साल में सबसे […]
आगे पढ़े
भले ही प्रॉपर्टी की कीमतें और ब्याज दरें बढ़ गई हैं, महामारी के बाद से भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग होम लोन ले रहे हैं और प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल घर की कीमतों में पिछली 17 तिमाहियों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई, विशेष रूप […]
आगे पढ़े
ICICI Bank Ltd. ने कहा है कि 2024 में भारतीय बॉन्डों का जेपी मॉर्गन के उभरते बाजारों वाले इंडेक्स में शामिल होने से पहले ही करीब 10 बिलियन डॉलर का निवेश देखने को मिलेगा। भारत सरकार के बॉन्डों का जेपी मॉर्गन ऐंड चेस कंपनी में शामिल होने के बाद विदेशी निवेश करीब 20 बिलियन डॉलर […]
आगे पढ़े
जेपी मॉर्गन चेस ऐंड कंपनी की तरफ से भारतीय बॉन्ड को उभरते बाजार इंडेक्स में शामिल करने के बाद भारत सरकार की तरफ से टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव न करने की भी खबर आ रही है। एक सरकारी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि अन्य ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल कराने […]
आगे पढ़े
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने आज अपने पहले सोशल बॉन्ड के जरिये 1,041 करोड़ रुपये जुटाए। एएए रेटिंग वाले इस बॉन्ड की कूपन दर या ब्याज दर 7.63 फीसदी है यानी उस पर 7.63 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा। नाबार्ड को 1,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने थे और उसने 2,000 करोड़ […]
आगे पढ़े
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जेपी मॉर्गन के ईएम बॉन्ड बेंचमार्क में केद्र सरकार के बॉन्डों को शामिल किए जाने से देश में निवेश की आवक बढ़ेगी और तेल के उच्च दाम के कारण भुगतान संतुलन (बीओपी) बिगड़ने का संभावित डर कम होगा। बार्कलेज के अर्थशास्त्रियों ने एक इंपैक्ट नोट में कहा, ‘ज्यादातर धन अगले […]
आगे पढ़े
श्रम पर बनी संसद की स्थायी समिति ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) को हर साल अपनी निवेश नीति की समीक्षा करने का सुझाव दिया है क्योंकि सामाजिक सुरक्षा निकाय के सरकरी बॉन्डों में निवेश से मिलने वाले ब्याज में कुछ वर्षों से गिरावट देखी जा रही है। समिति ने पाया कि सरकार की प्रतिभूतियों […]
आगे पढ़े
जेपी मॉर्गन द्वारा भारतीय बॉन्डों को अपने वैश्विक सूचकांक में शामिल किए जाने की खबरों के बाद सरकारी बॉन्डों में आई शुरुआती तेजी आखिर में थम गई, क्योंकि डीलरों की मानें तो बाजार में इस घटनाक्रम का असर पहले ही दिख चुका है। इसके अलावा, इसे लेकर चिंताएं हैं कि वास्तविक निवेश प्रवाह अगले साल […]
आगे पढ़े