चालू वित्त वर्ष के दौरान अक्टूबर तक कॉरपोरेट बॉन्ड निर्गमों में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 45 प्रतिशत तक की तेजी आई है। बाजार को यह तेजी बरकरार रहने का अनुमान है और पूरे चालू वित्त वर्ष के लिए कॉरपोरेट बॉन्ड निर्गम में पिछले साल की तुलना में न्यूनतम 15-20 प्रतिशत तेजी दर्ज की जा सकती है।
प्राइम डेटाबेस के आंकड़े के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में कंपनियों और बैंकों ने अक्टूबर 2023 तक 5.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जबकि इससे अक्टूबर, 2022 तक यह आंकड़ा 3.7 लाख करोड़ रुपये था।
जेएम फाइनैंशियल के प्रबंध निदेशक अजय मंगलूनिया ने कहा, ‘चूंकि तरलता को लेकर हालात सख्त बने हुए हैं और कॉरपोरेट बॉन्डों पर दरें कम हैं, इसलिए हम ज्यादा तादाद में लोगों को कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार की तरफ रुख करते देख रहे हैं। हम देख सकते हैं कि रिलायंस बाजार से 20,000 करोड़ रुपये की उधारी के लिए आगे आई है, जो पिछले 2-5 साल में बाजार में देखने को नहीं मिला था। हम इस साल कॉरपोरेट बॉन्ड निर्गम में कम से कम 15-20 प्रतिशत तेजी देख सकते हैं।’
एएए रेटिंग के कॉरपोरेट बॉन्डों पर प्रतिफल सभी समय अवधियों में नवंबर के पहले सप्ताह में 7 आधार अंक तक घट गया था।
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इस बीच, इन विकल्पों से उधारी की बढ़ती लागत की वजह से कॉरपोरेट बॉन्डों के जरिये कोष उगाही अक्टूबर में 40 प्रतिशत तक घट गई थी। निवेशकों ने अनिश्चितता की वजह से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार पर बड़े दांव लगाने से परहेज किया और सरकारी बॉन्ड बाजार की ओर रुख किया।
चालू वित्त वर्ष में बॉन्ड निर्गमों में तेजी की मुख्य वजह थी विलय से पहले जून तक एचडीएफसी द्वारा बड़ी उधारी। इससे बॉन्ड बाजार में उत्साह पैदा हुआ जो अगले कई महीनों तक बना रहा। बढ़ते अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल की वजह से जुलाई में बाजार में कमजोरी के बावजूद, तरलता समाप्त होने पर बाजार में फिर से तेजी आई।
बाजार को नवंबर में करीब 50,000-60,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी होने का अनुमान है। एसबीआई, रिलायंस, टाइटन और एलऐंडटी समेत कई बड़ी कंपनियां बॉन्ड जारी करने की योजना बना रही हैं, जिससे बाजार में और मजबूती आने का संकेत मिलता है।