बैंकिंग दिग्गजों भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा आवास ऋण दरें 10-15 आधार अंक घटाकर 6.70 प्रतिशत और 6.65 प्रतिशत किए जाने के निर्णयों से आवास वित्त कंपनियों, खासकर छोटी कंपनियों से ग्राहक उनकी ओर आकर्षित हो सकते हैं।
सोमवार को एसबीआई ने सीमित अवधि के ऑफर की घोषणा की और ब्याज दरें 31 मार्च तक की अवधि के लिए घटाकर 6.70 प्रतिशत (75 लाख रुपये तक के ऋणों के लिए) और 6.75 प्रतिशत (75 लाख रुपये से ऊपर के ऋणों के लिए) कर दीं। एसबीआई प्रोसेसिंग शुल्क पर भी 100 प्रतिशत छूट मुहैया कराएगा।
कोटक महिंद्रा बैंक ने 31 मार्च तक नए आवास ऋण तथा बकाया ऋण स्थानांतरण, दोनों के लिए दरें 10 आधार अंक तक घटाकर 6.65 प्रतिशत करने की घोषणा की है। ऋणदाता ने प्रोसेसिंग शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट भी देने का ऐलान किया है। बुधवार को एचडीएपाऊसी लिमिटेड ने भी अपनी आवास ऋण दरें – रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (आरपीएल) 5 आधार अंक तक घटा दी। आरपीएलआर पर उसकी एडजस्टेबल रेट होम लोन्स (एआरएचएल) दर भी आधारित है। यह बदलाव 4 मार्च से प्रभावी है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोरांग शाह का कहना है कि जहां बैंकों द्वारा दर कटौती से एचडीएफसी और एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस जैसी बड़ी कंपनियों को अपना व्यवसाय तेज करने के अवसर मिल सकते हैं, वहीं इससे कमजोर बैलेंस शीट वाली छोटी आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) हाशिए पर जा सकती हैं।
वैश्विक ब्रोकरेज एचएसबीसी में विश्लेषक उमंग शाह का भी इसी तरह का मानना है। उनका कहना है कि 2018 में आईएलऐंडएफएस संकट और 2020 में कोविड-19 संकट के बाद नकदी समस्या ने कम व्यवस्थागत ब्याज दरों का लाभ कुछ बड़े गैर-बैंकों के लिए अनुकूल बनाया, कम दर्जे की एनबीएफसी/एचएफसी को प्राइम मॉर्गेज सेगमेंट में बैंकों के साथए प्रतिस्पर्धा से रोका।
वित्त वर्ष 2021 की दिसंबर तिमाही के अंत में, एसबीआई और एचडीएफसी (एचडीएफसी बैंक समेत) ने व्यक्तिगत आवास ऋण बाजार में 40 प्रतिशत से ज्यादा योगदान दिया। समग्र वैल्यू के संदर्भ मकें, एसबीआई के कुल बकाया आवास ऋण 31 दिसंबर 2020 तक 4.84 लाख करोड़ रुपये, जबकि एचडीएफसी के 5.5 लाख करोड़ रुपये पर थे।
इस बीच, एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस ने वित्त वर्ष 2021 के 9 महीनों के दौरान 32,860 करोड़ रुपये के कुल ऋण वितरित किए।
कुल मिलाकर, प्रमुख-10 और प्रमुख-5 कंपनियों ने आवास वित्त बाजार में 63 प्रतिशत और 80 प्रतिशत का योगदान दिया है। वहीं प्रमुख गैर-बैंक कंपनियों के तौर पर सिर्फ एचडीएफसी और एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस ही शीर्ष-10 में शामिल हैं।
आईडीबीआई कैपिटल में शोध प्रमुख एके प्रभाकर का कहना है, ‘परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर लगातार चिंताओं के बीच बैंक कॉरपोरेट ऋणों से परहेज कर रहे हैं और होम लोन जैसे आसान वित्त विकल्पों पर जोर दे रहे हैं। एसबीआई द्वारा दरें घटाने से पूरे क्षेत्र पर असर दिखेगा।’
