स्मॉल फाइनैंस बैंक के अधिकारियों ने कहा है कि स्मॉल फाइनैंस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की समिति की सिफारिशें जल्द लागू होने से उन्हें एक्सचेंज पर अपने शेयर सूचीबद्ध कराने के लिए और वक्त मिल जाएगा। साथ ही यह कारोबार को पटरी पर लाने में भी मदद करेगा, जो कोविड-19 महामारी से काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है।
मोहंती की अध्यक्षता वाला आरबीआई के आंतरिक समूह की तरफ से सुझाए गए कदम से अल्पावधि में स्मॉल फाइनैंस बैंक के नियमन से जुड़ी चिंता पर शायद असर नहीं पड़ेगा। बैंकों को मानना होगा कि मौजूदा दिशानिर्देश परिचालन में हैं और उन्हें उसी के मुताबिक काम करना होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि ये सिफारिशें कितनी जल्दी लागू की जाएंगी। इस समय ज्यादातर स्मॉल फाइनैंस बैंकों के लिए सूचीबद्धता का समय काफी करीब है।
मोहंती समिति ने कहा है कि मौजूदा स्मॉल फाइनैंंस बैंकों व पेमेंट बैंकों को 500 करोड़ रुपये के नेटवर्थ पर पहुंचने के छह साल के भीतर या परिचालन शुरू करने के 10 साल की अवधि (जो भी पहले हो) मेंं सूचीबद्ध कराया जाना चाहिए।
आरबीआई के दिशानिर्देशों में नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये के पहुंचने के तीन साल की अवधि में सूचीबद्ध कराना अनिवार्य बताया गया है। वे इससे पहले भी सूचीबद्ध हो सकते हैं, अगर उनका नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये से कम हो। ज्यादातर स्मॉल फाइनैंस बैंक इन्हीं नियमों से प्रशासित होते हैं।
एक स्मॉल फाइनैंस बैंक के सीईओ ने कहा कि कुछ एसएफबी ने आरबीआई से आईपीओ छह महीने टालने की अनुमति मांगी है क्योंंकि उनका कारोबार कोविड महामारी से प्रभावित हुआ है। यह अनुरोध करीब तीन-चार महीने पहले किया गया था। एक अन्य सीईओ ने कहा, हम इस पर फैसले का इंतजार करना चाहेंगे, उसके बाद ही सूचीबद्धता पर फैसला लेंगे। हालांकि हममें से कुछ न पहले ही आईपीओ की तैयारी का बड़ा हिस्सा पूरा कर लिया है।
उन्होंंने कहा, अगर आरबीआई सकारात्मक जवाब देता है और उस समय तक हमारे पास मोहंती समिति की रिपोर्ट के अंतिम नियम भी होंगे, तब सूचीबद्धता को टालने का कुछ मतलब हमारे लिए बनता है। हमें इस प्रक्रिया के लिए तीन साल का समय और मिल जाएगा।
महामारी के कारण पैदा हुआ अवरोध नोटबंदी से भी ज्यादा परेशानी भरा था। पूरा वित्त वर्ष 2022 कारोबार संभालने और बैलेंस शीट मजबूत करने में लग जाएगा।
फिनकेयर स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राजीव यादव ने कहा, इन सिफारिशों से मदद मिलेगी। लेकिन इन्हें अंतिम रूप देने में लगने वाला समय अहम है क्योंंकि मौजूदा नियम स्मॉल फाइनैंस बैंक को तेजी से सूचीबद्ध कराने की उम्मीद करता है।
ऐसा ही विचार ईएएसएफ एसएफबी के प्रबंध निदेशक व सीईओ के पॉल थॉमस ने रखा। उन्होंने कहा, अभी यह सिर्फ मसौदे के चरण में है। ऐसे में बोर्ड इस पर चर्चा करेगा और इस पर फैसला लेगा कि कब अंतिम नियम सामने रखे जाएं। अगर सूचीबद्धता के लिए और समय मिलता है तो हम इसका फायदा उठा सकते हैं।
