हाल के वर्षों की तुलना में इस साल सबसे कम रिटर्न दाखिल हुए हैं। आकलन वर्ष (एवाई) 2022-23 में 31 जुलाई तक 583 लाख रिटर्न दाखिल किए गए हैं। यह इसके पहले के वर्ष (एवाई-22) में दाखिल 714 लाख रिटर्न की तुलना में बहुत कम है। यह इसके पहले के वर्षों की तुलना में भी कम है। महामारी के पहले के एवाई 19 में भी 653 लाख रिटर्न दाखिल किए गए थे।
आकलन वर्ष में व्यापक रूप से पहले के वित्त वर्ष में हुई कमाई का ब्योरा होता है। इस तरह से आकलन वर्ष 23 में वित्त वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 22) में हुई कमाई का ब्योरा है। सामान्यतया आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ती है। ऐसा महामारी के दौरान भी हुआ और कम से कम कोविड-19 के पहले के आंकड़ों के आसपास स्थिरता बनी रही।
एवाई 19 में 653 लाख रिटर्न दाखिल किए गए थे, जबकि एवाई 20 में संख्या बढ़कर 726 लाख हो गई। अगले साल इसमें गिरावट आई, लेकिन एवाई 22 में यह संख्या बढ़कर 714 लाख हो गई। इस तरह से एवाई 23 में दाखिल आयकर रिटर्न (आईटीआर) कम है। इस साल 31 जुलाई की अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई गई है, जैसा कि पिछले महामारी के साल में किया गया था। आयकर दाखिले की अंतिम तिथि तक रोजाना कोविड के 20,000 से कुछ ज्यादा मामले आ रहे थे। मई 2021 में सबसे ज्यादा, 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे।
सरकार की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘शुरुआत में ई-फाइलिंग तुलनात्मक रूप से सुस्त रही और एवाई 22-23 में पहले 1 करोड़ आईटीआर की फाइलिंग 7 जुलाई, 2022 तक हो पाई। 22 जुलाई, 2022 तक दाखिले ने गति पकड़ी और करीब 2.48 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया। सरकार ने घोषणा की कि अंतिम तिथि में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी तो आयकर दाखिले में तेजी आई और 25 जुलाई, 2022 तक 3 करोड़ आईटीआर दाखिल हुए। 31 जुलाई को आयकर दाखिला सबसे तेज हुआ, जो वेतनभोगी करदाताओं व अन्य गैर कर ऑडिट मामलों के लिए अंतिम तिथि थी। एक दिन में 72.42 लाख आईटीआर दाखिल किए गए।’ अगर आयकर दाखिले में देरी होती है तो 31 दिसंबर तक के लिए 5,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।