दिसंबर में अनुमान से कम खुदरा मुद्रास्फीति रहने से सोमवार को सरकारी बॉन्ड और रुपये में तेजी आई। बाजार भागीदारों ने यह जानकारी दी। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा किए गए निवेश से रुपये और बॉन्ड को मदद मिली। अमेरिकी बाजार सोमवार को मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस के कारण बंद रहा।
बेंचमार्क 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 4 आधार अंक (बीपीएस) गिरकर 7.14 फीसदी पर बंद हुई। रुपया 82.89 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, शुक्रवार को रुपया 82.92 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। भारतीय मुद्रा इंट्रा-डे के दौरान 82.78 रुपये के उच्चतम स्तर पर भी पहुंची थी।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘डॉलर सूचकांक 102 डॉलर के आसपास स्थिर रहने पर रुपये में सकारात्मक कारोबार हुआ। भारतीय पूंजी बाजार में निफ्टी 22,000 अंकों को पार कर गया और सेंसेक्स 73 हजार अंकों तक पहुंच गया। रुपये के लिए सकारात्मक दायरा 82.70 से 83.10 के बीच अनुमानित है। जनवरी में अब तक रुपये में 0.4 फीसदी की तेजी आई है, जबकि बेंचमार्क यील्ड में 3 आधार अंक की नरमी आई है।
बाजार भागीदारों ने बताया कि 14 साल की परिपक्वता अवधि वाले सरकारी बॉन्ड में आज सर्वाधिक तेजी आई क्योंकि विदेशी बैंकों ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से जमकर खरीदारी की। इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि सरकारी बैंक शुद्ध बिकवाल रहे।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान से कम रही। एफपीआई ने सरकारी बॉन्ड बाजार में भी खरीदारी की।’ उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज स्वाभाविक बिकवाल थे।’ डीलरों ने कहा कि दिसंबर में घरेलू खुदरा मुद्रास्फीति 6.69 फीसदी थी, जबकि इसके 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।