भारत अमेरिका से ईथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का आयात करने पर विचार कर रहा है। यह कदम दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार वार्ता (Trade Talks) का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य इस साल गिरावट (Fall) तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) पूरा करना है।
नई दिल्ली ने अमेरिका से यह भी कहा है कि वह रूस के कच्चे तेल पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को हटाए। अमेरिका का दावा है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीद युद्ध के लिए फंडिंग कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, “नई पेशकशें की गई हैं… ईथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का खरीदने पर भी चर्चा हो रही है।”
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अमेरिका भारत से अपने सोयाबीन और मक्का आयात बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। भारत ने फिलहाल यह कदम नहीं उठाया है और जीन-परिवर्तित (GM) फसलों के खाने में शामिल होने की चिंता जताई है। भारतीय अधिकारी घरेलू किसानों की सुरक्षा और बाजार में GM उत्पादों के प्रवेश को रोकने को प्राथमिकता मानते हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में भारत ने अमेरिका को $6.86 बिलियन का माल निर्यात किया, जबकि आयात $3.6 बिलियन रहा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वार्ता समय पर आगे बढ़ रही है और दोनों पक्ष गिरावट तक समझौता पूरा करने का लक्ष्य रख रहे हैं। अगले दौर की तारीख और स्थान अभी तय नहीं हुआ है। वार्ता चरणबद्ध तरीके से चल सकती है।
व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में अमेरिका दौरे के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेम्सन ग्रीयर और भारत में नियुक्त अमेरिकी राजदूत से मुलाकात की। यह मुलाकात 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लागू होने के बाद पहली व्यक्तिगत बैठक थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की।
सरकारी स्तर की वार्ता के अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी व्यवसायों और निवेशकों से भी मुलाकात की। मंत्रालय ने बताया कि निवेशकों ने भारत की विकास कहानी पर भरोसा जताया और देश में अपने कामकाज का विस्तार करने की इच्छा दिखाई।
अमेरिकी प्रशासन ने बार-बार कहा है कि भारत का रूस से तेल खरीदना वार्ता में बड़ी बाधा है। भारत ने जवाब दिया कि डिस्काउंट वाले तेल की खरीद ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है और इसे पहले के अमेरिकी प्रशासन ने भी प्रोत्साहित किया था।
हालांकि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि रूस से कच्चे तेल पर कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “रूस पर प्रतिबंध लगाना है तो सब पर लागू होना चाहिए। इसके बिना कीमतें बहुत बढ़ जाएंगी।”
शिप ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, सितंबर में भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात अगस्त के मुकाबले करीब 2 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ सकता है।