facebookmetapixel
बीमा क्षेत्र में 100% FDI का रास्ता होगा साफ! सरकार शीतकालीन सत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी मेंCorporate Action: अगले हफ्ते मार्केट में स्प्लिट-डिविडेंड-बोनस का मिलेगा तगड़ा मिश्रण, निवेशकों की चांदीG20 में PM मोदी के बड़े सुझाव: अफ्रीका के विकास से लेकर वैश्विक पारंपरिक ज्ञान तक बड़ा एजेंडाDividend Stocks: नवंबर के आखिरी हफ्ते निवेशकों की चांदी, कई कंपनियां अपने शेयरधारकों को बांटेगी डिविडेंडUP में युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा मौका, KVIC से 21% ज्यादा नौकरियां!Car Loan Offer: सिर्फ 7.6% पर कार लोन! EMI केवल ₹10,000 के करीब; जानें कौन दे रहा है सबसे सस्ता ऑफरभारत की पहली मरीन NBFC सागरमाला फाइनेंस ने बढ़ाई कर्ज सीमा, समुद्री प्रोजेक्ट्स को ₹25,000 करोड़ की राहतSudeep Pharma IPO: सब्सक्राइब करें या नहीं? पूरा रिव्यू 3 मिनट में!Bonus Stocks: अगले हफ्ते ये दो बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेगी बोनस, पोर्टफोलियो में जुटेगें नए शेयरSIP निवेशक की गाइड: कब और कैसे करें निकासी; एक्सपर्ट से समझें

सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये के समुद्री विकास कोष को मंजूरी दी, निवेश पोर्ट और जहाज निर्माण में होगा

एसएमएफसीएल एमडीएफ के तहत 10-15 हजार करोड़ रुपये ऋण के रूप में पोर्ट, शिपयार्ड और तटीय शिपिंग परियोजनाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी

Last Updated- September 28, 2025 | 10:16 PM IST
PORT
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सरकारी संचालन वाली सागरमाला फाइनैंस कंपनी (एसएमएफसीएल) मंत्रिमंडल की मंजूरी प्राप्त 25,000 करोड़ रुपये के समुद्री विकास कोष (एमडीएफ) के बड़े हिस्से को ऋण के रूप में महत्त्वपूर्ण बंदरगाहों और पानी के जहाज बनाने की परियोजनाओं के लिए मुहैया कराएगी।

केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘नए पैकेज (जो बुधवार को स्वीकृत किया गया) के तहत एसएमएफसीएल को एमडीएफ का हिस्सा धन मुहैया कराने के लिए उपलब्ध होगा। उम्मीद है है कि यह कंपनी शुरुआती दौर में 10,000 करोड़ से 15,000 करोड़ रुपये के दायरे के बीच में ऋण मुहैया कराएगी। इस क्रम में बंदगाह से जुड़ी लॉजिस्टिक्स, तटीय शिपिंग और शिपयार्ड से जुड़े आधारभूत ढांचे को मदद उपलब्ध कराने की उम्मीद है।  यह परियोजना केवल भारत के समुद्री कोष के अंतर को पाटने के लिए शुरू की गई है। समुद्र तटीय संसाधनों को धन मुहैया कराने का कोष अतिरिक्त संसाधनों से युक्त होगा। यह समुद्री संसाधनों पर केंद्रित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में संचालन करेगी। इसे सह-ऋण देने, गारंटी देने और परियोजना फाइनैंस को बढ़ाने का अधिकार होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 जून को सागरमाला डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से पुन: नामांकित एसएमएफसीएल को इस संबंध में पंजीकरण दिया।

यह एनबीएफसी एमडीएफ में प्रवेश करेगी। यह 69,725 करोड़ रुपये के जहाज निर्माण पैकेज के तीन स्तंभों में से एक है – जिसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक वित्तीय छत्र के रूप में बनाया गया था जहां सरकार पूंजी डालना चाहती है।

एमडीएफ के दो घटक हैं – 20,000 करोड़ रुपये का शुरुआती कोष और अन्य निवेशकों के योगदान के साथ समुद्री निवेश कोष। इसका दायित्व भारतीय के जहाजों की भार वहन करने की क्षमता को बढ़ाना, शिपयार्ड, जहाज की मरम्मत और बहुत कुछ विकसित करना है और इसके लिए इक्विटी फाइनैंसिंग के माध्यम से निवेश होगा। एमडीएफ का दूसरा तत्त्व 5,000 करोड़ रुपये का ब्याज प्रोत्साहन कोष है। यह बैंकों या वित्तीय संस्थानों को भारतीय शिपयार्ड को दिए गए ऋणों पर 3 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन देगा।

First Published - September 28, 2025 | 10:16 PM IST

संबंधित पोस्ट