पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने गुरुवार सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट पूर्व परामर्श के लिए मुलाकात की। इस दौरान क्षेत्र के लिए आधारभूत ढांचे का दर्जा देने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। उद्योग के सूत्रों के अनुसार इन प्रतिनिधियों ने मार्केटिंग पर होने वाले खर्च के लिए बजट आबंटन बढ़ाने के साथ-साथ वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने की भी मांग की। अभी तक भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन महामारी से पहले की संख्या तक नहीं पहुंचा है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी और मैक्स हेल्थकेयर के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अभय सोई भी बैठक में उपस्थित थे। सूत्रों ने कहा, ‘आधारभूत ढांचे का दर्जा लंबे समय से चली आ रही मांग है। इससे कम ब्याज दरों पर ऋण और अन्य रियायतों के दरवाजे खुलते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘विदेशों में प्रचार के लिए बजट प्रमुख मांग है और इसे पिछले कुछ बजटों में मामूली राशि तक कम कर दिया गया था। लिहाजा इसे काफी बढ़ाया जाए।’
पिछले कुछ वर्षों में विदेशों में प्रचार की कमी और जटिल वीजा प्रक्रियाओं के कारण एफटीए की वसूली में बाधा आई है। उन्होंने तर्क दिया कि विदेशों में प्रचार और प्रकाशन के लिए आबंटन को घटाकर 2025-26 के बजट में 3 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो पिछले वर्ष के आबंटन का दसवां हिस्सा था। पिछले साल के बजट में शीर्ष 50 गंतव्यों के होटलों को आधारभूत हार्मोनियस मास्टर लिस्ट में शामिल किया गया था। हालांकि देश में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र की अपार विकास क्षमता को पूरी तरह से उजागर करने के लिए इस सुधार को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।