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REITs को मार्केट इंडेक्स में शामिल करने की तैयारी, निवेश को मिलेगी नई उड़ान; सेबी लाएगी आसान नियम

REITs ऐसी कंपनियां होती हैं जो रियल एस्टेट का मालिकाना हक रखती है या उन्हें चलाती है

Last Updated- November 21, 2025 | 3:34 PM IST
REITs

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) उद्योग के स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) को मार्केट इंडेक्स में शामिल करने पर काम करेगा। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि इससे इन इंस्ट्रूमेंट्स की लिक्विडिटी में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

मार्केट इंडेक्स में REITs के जुड़ने से क्या होगा फायदा?

नेशनल कॉन्क्लेव ऑन REITs और InvITs-2025 में बोलते हुए पांडेय ने कहा, “सेबी सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर REITs को इंडेक्स में शामिल कराने में मदद करेगा।” REITs ऐसी कंपनियां होती हैं जो रियल एस्टेट का मालिकाना हक रखती है या  उन्हें चलाती है। ये निवेशकों को महंगे रियल एस्टेट में हिस्सेदारी लेने और डिविडेंड इनकम के जरिए समय के साथ पूंजी बढ़ाने का मौका देती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एक बार इंडेक्स में शामिल होने के बाद, इन इंस्ट्रूमेंट्स की लिक्विडिटी स्वाभाविक रूप से बेहतर हो जाएगी।

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REITs-InvITs निवेश को आसान बनाएगी सेबी?

सेबी प्रमुख ने यह भी बताया कि रेगुलेटर REITs और InvITs (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) के लिए बिजनेस करने में आसानी लाने के अतिरिक्त उपायों का मूल्यांकन कर रहा है।

इन प्रयासों के हिस्से के रूप में, सेबी इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है कि उन लिक्विड म्युचुअल फंड स्कीम्स की संख्या बढ़ाई जाए जिनमें REITs और InvITs निवेश कर सकते हैं। साथ ही निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

पांडेय ने आगे कहा कि रेगुलेटर यह भी देख रहा है कि क्या प्राइवेट InvITs को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हों।

REITs-InvITs में संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

पांडेय ने बताया कि सेबी संस्थागत निवेशकों (institutional investors) के साथ एक्टिव रूप से जुड़ रहा है ताकि इन इंस्ट्रूमेंट्स में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके। इस पहल का समर्थन करने के लिए, सेबी वित्त मंत्रालय और कई राज्य सरकारों के साथ तालमेल बिठा रहा है ताकि पब्लिक एसेट के मॉनेटाइजेशन को तेज किया जा सके।

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उन्होंने आगे कहा, “हम IRDAI (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया), PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) और EPFO (एम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) के साथ काम कर रहे हैं ताकि उनके अंतर्गत आने वाली संस्थाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके।”

हालांकि अवसर बहुत बड़े हैं, लेकिन पांडेय ने माना कि इन इंस्ट्रूमेंट्स का बाजार अभी शुरुआती चरण में है।

उन्होंने कहा कि सेबी जरूरी फ्रेमवर्क और सुरक्षा मानकों को प्रदान करता रहेगा, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इंडस्ट्री के स्पॉन्सर, मैनेजर, सलाहकार और इंटरमीडियरी इस एसेट क्लास की क्षमता पर भरोसा करें और इसकी पहुंच व लिक्विडिटी को बढ़ाने में भूमिका निभाएं।

(PTI इनपुट के साथ)

First Published - November 21, 2025 | 3:25 PM IST

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