सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम 2021 में संशोधन करने की योजना बना रही है ताकि डिजिटल सामग्री पर नई पाबंदियां जोड़ी जा सकें। प्रस्तावित बदलावों के मुताबिक ऐसी कोई भी डिजिटल सामग्री प्रसारित नहीं की जाएगी जिसमें “अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर गलत, संकेतात्मक टिप्पणी/इशारे, या आधी-सच्चाइयां हों।”
नए प्रावधानों में यह भी कहा गया है कि कंटेंट अच्छा-सभ्य स्वाद या शील-शोभा के खिलाफ नहीं होना चाहिए; किसी जाति, वर्ण, धर्म, नस्ल या राष्ट्रीयता का अपमान न करे; लोगों को अपराध के लिए उकसाए या हिंसा को बढ़ावा दे या उसकी महिमा न करे।
ये संशोधन विशेषकर भाग-3 के दायरे में लाए जाने की बात की जा रही है। भाग-3 उन डिजिटल वीडियो इंटरमीडियरी (जैसे YouTube, Instagram) और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, SonyLIV) पर लागू होते हैं। साथ ही ये नियम समाचार चैनलों और अखबारों की डिजिटल पोर्टलों पर प्रकाशित सामग्री पर भी लागू होंगे।
सूत्रों के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआइबी) यह भी प्रस्तावित कर सकता है कि कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म ऐसा कंटेंट न होस्ट या प्रसारित करे जो किसी व्यक्ति, किसी समूह या भारत के सामाजिक, सार्वजनिक या नैतिक जीवन के किसी हिस्से की निंदा या बदनामी करे।
इन बदलावों का उद्देश्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फैलने वाली आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री को नियंत्रित करना बताया जा रहा है। अभी ये प्रस्तावित संशोधन हैं। इन्हें अंतिम रूप देने और लागू करने की प्रक्रिया सरकार तय करेगी।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) डिजिटल कंटेंट के लिए नए नियम लाने की तैयारी कर रहा है। इन नियमों के अनुसार किसी भी ऑनलाइन कंटेंट में किसी जाति, भाषा या क्षेत्र से जुड़े समूह का अपमान करने वाला, तंज भरा या घमंडी रवैया दिखाना प्रतिबंधित होगा।
मंत्रालय का प्रस्ताव है कि ऐसे नियमों का उल्लंघन करने पर वही सजा मिलेगी जो वर्तमान में ऑनलाइन “अश्लील” सामग्री प्रसारित करने पर दी जाती है।
• पहली बार दोषी पाए जाने पर – 3 साल की जेल या 5 लाख रुपये जुर्माना, या दोनों
• दूसरी बार दोषी पाए जाने पर – 5 साल की जेल या 10 लाख रुपये जुर्माना, या दोनों
इसके साथ ही मंत्रालय चाहता है कि ऑनलाइन जारी हर डिजिटल कंटेंट को उसकी प्रकृति के हिसाब से वर्गीकृत किया जाए, यानी टीवी की तरह रेटिंग सिस्टम लागू किया जाए।
रेटिंग इस तरह होगी:
• U — सभी उम्र के लिए
• U/A 7+ — 7 साल से ऊपर के बच्चों के लिए
• U/A 13+ — 13 साल से ऊपर के लिए
• U/A 16+ — 16 साल से ऊपर के लिए
13 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए कंटेंट दिखाने वाले प्लेटफॉर्म्स को पेरेंटल कंट्रोल की सुविधा देना अनिवार्य होगा, ताकि माता-पिता बच्चों के लिए कंटेंट लॉक कर सकें।
MIB डिजिटल वीडियो इंटरमीडियरी और OTT प्लेटफॉर्म्स के नियम लगभग तैयार कर चुका है। इसके अलावा, ब्लॉगर्स, व्लॉगर्स और इन्फ्लुएंसर्स जैसे कंटेंट क्रिएटर्स के लिए अलग नियमों पर भी विचार किया जा रहा है।
इसी तरह, समाचार और करंट अफेयर्स वाले डिजिटल चैनलों के लिए भी अलग नियम बनाने पर चर्चा चल रही है।