facebookmetapixel
फेक न्यूज पर सख्ती! सरकार बदलेगी IT नियम, बदनाम करने वाली डिजिटल सामग्री पर रोकरेल मंत्रालय का बड़ा कदम: NMP 2.0 में मुद्रीकरण से 2.5 लाख करोड़ जुटाएगा रेलवे4 नए लेबर कोड आज से लागू: कामगारों को मिलेगी सामाजिक सुरक्षा, मौजूदा श्रम कानून बनेंगे सरलरुपये में तेज गिरावट: डॉलर के मुकाबले 89.5 के पार, बॉन्ड यील्ड में उछालसेबी बड़े सुधारों की तैयारी में: ब्रोकर और म्युचुअल फंड नियमों में बदलाव संभव, नकदी खंड में कारोबार बढ़ाने पर जोरभारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर बनकर अपोलो टायर्स को डबल डिजिट में ग्रोथ की आस: नीरज कंवर2025-26 में रियल एस्टेट में हर साल आएगा 5–7 अरब डॉलर संस्थागत निवेश!भारत-इजरायल स्टार्टअप सहयोग होगा तेज, साइबर सुरक्षा और मेडिकल टेक में नई साझेदारी पर चर्चासुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ITAT में CA और वकील को अब समान पात्रता मानदंडनई दवाओं पर 10 साल की एक्सक्लूसिविटी की मांग, OPPI ने कहा- इनोवेशन बढ़ाने को मजबूत नीति जरूरी

फेक न्यूज पर सख्ती! सरकार बदलेगी IT नियम, बदनाम करने वाली डिजिटल सामग्री पर रोक

सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक और भड़काऊ कंटेंट पर सख्ती लाने के लिए आईटी नियम 2021 में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है।

Last Updated- November 22, 2025 | 8:47 AM IST
Digital
Representative Image

सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम 2021 में संशोधन करने की योजना बना रही है ताकि डिजिटल सामग्री पर नई पाबंदियां जोड़ी जा सकें। प्रस्तावित बदलावों के मुताबिक ऐसी कोई भी डिजिटल सामग्री प्रसारित नहीं की जाएगी जिसमें “अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर गलत, संकेतात्मक टिप्पणी/इशारे, या आधी-सच्चाइयां हों।”

नए प्रावधानों में यह भी कहा गया है कि कंटेंट अच्छा-सभ्य स्वाद या शील-शोभा के खिलाफ नहीं होना चाहिए; किसी जाति, वर्ण, धर्म, नस्ल या राष्ट्रीयता का अपमान न करे; लोगों को अपराध के लिए उकसाए या हिंसा को बढ़ावा दे या उसकी महिमा न करे।

ये संशोधन विशेषकर भाग-3 के दायरे में लाए जाने की बात की जा रही है। भाग-3 उन डिजिटल वीडियो इंटरमीडियरी (जैसे YouTube, Instagram) और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, SonyLIV) पर लागू होते हैं। साथ ही ये नियम समाचार चैनलों और अखबारों की डिजिटल पोर्टलों पर प्रकाशित सामग्री पर भी लागू होंगे।

सूत्रों के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआइबी) यह भी प्रस्तावित कर सकता है कि कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म ऐसा कंटेंट न होस्ट या प्रसारित करे जो किसी व्यक्ति, किसी समूह या भारत के सामाजिक, सार्वजनिक या नैतिक जीवन के किसी हिस्से की निंदा या बदनामी करे।

इन बदलावों का उद्देश्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फैलने वाली आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री को नियंत्रित करना बताया जा रहा है। अभी ये प्रस्तावित संशोधन हैं। इन्हें अंतिम रूप देने और लागू करने की प्रक्रिया सरकार तय करेगी।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) डिजिटल कंटेंट के लिए नए नियम लाने की तैयारी कर रहा है। इन नियमों के अनुसार किसी भी ऑनलाइन कंटेंट में किसी जाति, भाषा या क्षेत्र से जुड़े समूह का अपमान करने वाला, तंज भरा या घमंडी रवैया दिखाना प्रतिबंधित होगा।

मंत्रालय का प्रस्ताव है कि ऐसे नियमों का उल्लंघन करने पर वही सजा मिलेगी जो वर्तमान में ऑनलाइन “अश्लील” सामग्री प्रसारित करने पर दी जाती है।

• पहली बार दोषी पाए जाने पर – 3 साल की जेल या 5 लाख रुपये जुर्माना, या दोनों
• दूसरी बार दोषी पाए जाने पर – 5 साल की जेल या 10 लाख रुपये जुर्माना, या दोनों

इसके साथ ही मंत्रालय चाहता है कि ऑनलाइन जारी हर डिजिटल कंटेंट को उसकी प्रकृति के हिसाब से वर्गीकृत किया जाए, यानी टीवी की तरह रेटिंग सिस्टम लागू किया जाए।

रेटिंग इस तरह होगी:
U — सभी उम्र के लिए
U/A 7+ — 7 साल से ऊपर के बच्चों के लिए
U/A 13+ — 13 साल से ऊपर के लिए
U/A 16+ — 16 साल से ऊपर के लिए

13 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए कंटेंट दिखाने वाले प्लेटफॉर्म्स को पेरेंटल कंट्रोल की सुविधा देना अनिवार्य होगा, ताकि माता-पिता बच्चों के लिए कंटेंट लॉक कर सकें।

MIB डिजिटल वीडियो इंटरमीडियरी और OTT प्लेटफॉर्म्स के नियम लगभग तैयार कर चुका है। इसके अलावा, ब्लॉगर्स, व्लॉगर्स और इन्फ्लुएंसर्स जैसे कंटेंट क्रिएटर्स के लिए अलग नियमों पर भी विचार किया जा रहा है।

इसी तरह, समाचार और करंट अफेयर्स वाले डिजिटल चैनलों के लिए भी अलग नियम बनाने पर चर्चा चल रही है।

First Published - November 22, 2025 | 8:47 AM IST

संबंधित पोस्ट