दुबई एयरशो के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान तेजस दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसमें पायलट की मौत हो गई। वायुसेना ने दुर्घटना की पुष्टि करते हुए पायलट की मौत पर दुख जताया और कहा कि इसकी जांच कोर्ट ऑफ इंक्वायरी करेगी।
भारतीय वायुसेना ने एक्स पर पोस्ट में कहा,’आज दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान भारत का तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें पायलट को घातक चोटें आईं। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया जा रहा है।’
संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि दुर्घटना के बाद आपातकालीन और अग्निशमन दल मौके पर पहुंच गए। एयरशो को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। यह शो 1986 से हर दो वर्ष के अंतराल पर आयोजित होता है।
भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू जेट के साथ यह दूसरी घटना है, जो सामान्य या शांतिकाल में हुई है। इससे पहले पिछले साल राजस्थान में अभ्यास कार्यक्रम के दौरान एक जेट विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था, जिसमें पायलट सुरक्षित बच गया था। तेजस सीरीज में एक और दो सीट के लड़ाकू विमान हैं, जिनका उपयोग वायुसेना और नौसेना द्वारा किया जाता है। दुबई में शुक्रवार को एयरशो के दौरान एक सीट वाला विमान दुर्घटना का शिकार हुआ।
भारत ने पिछले 40 वर्षों के दौरन सामान्य दुर्घटनाओं में सैकड़ों सैन्य विमान खो दिए हैं, लेकिन रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि वायुसेना का सुरक्षा रिकॉर्ड पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुआ है। रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की 2024-25 की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में लड़ाकू विमानों की दुर्घटना दर अपने चरम 0.93 (2000-2005) से घटकर 0.27 (2017-2022) और 0.20 (2020-2024) हो गई है। यह दर हर 10,000 उड़ान घंटों के लिए 0.20 है। सामान्य दुर्घटनाओं का सबसे प्रमुख कारण पुराने होते विमान, एयरक्रू और रखरखाव से जुड़ी मानव त्रुटि, तकनीकी खराबी तथा परिचालन वातावरण में प्राकृतिक चुनौतियां रही हैं।