गुरुग्राम की ईवी-ऐज-ए-सर्विस स्टार्टअप जि़प इलेक्ट्रिक बड़े पैमाने पर विस्तार करने की तैयारी में है। कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी आकाश गुप्ता ने सोमवार को कहा कि हमलोग देश भर में पैठ बनाने के साथ-साथ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की तैयारी कर रहे है। कंपनी फिलहाल दिल्ली-एनसीआर, बेंगलूरु और मुंबई में 20,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का परिचालन करती है और अगले दो से तीन वर्षों में अपने बेड़े को पांच गुना बढ़ाकर 1 लाख वाहन करने की योजना बना रही है।
कंपनी का लक्ष्य 25 शहरों में पहुंचना और इन बाजारों में सभी अंतिम स्थल तक की डिलीवरी का 10 से 12 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करना है। ज़िप के पास पहले से ही दिल्ली में 12 से 13 फीसदी, बेंगलूरु में 6 से 7 फीसदी और मुंबई में करीब 4 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है, जिसमें पेट्रोल से चलने वाले वाहन भी शामिल हैं। गुप्ता ने बताया कि केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के आधार पर ज़िप की इन शहरों में 60 से 65 फीसदी हिस्सेदारी है।
गुप्ता ने कहा कि ज़िप ने लाभप्रदता हासिल कर ली है। अब अगले वित्त वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है। इसे 12 से 15 फीसदी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (एबिटा) मार्जिन से मदद मिलेगी। वृद्धि के इस अगले चरण को रफ्तार देने के लिए कंपनी निकट भविष्य में सार्वजनिक बाजार में उतरने से पहले 5 से 6 करोड़ डॉलर के प्री-आईपीओ दौर की तैयारी कर रही है।
ज़िप के विस्तार का एक प्रमुख कारण इसका फोको (फ्रैंचाइजी-स्वामित्व कंपनी संचालित) मॉडल रहा है। इस मॉडल को 36 महीने की अवधि में 40-50 फीसदी सुनिश्चित रिटर्न के साथ निवेशकों की गहरी रुचि मिली है। गुप्ता ने कहा कि मासिक भुगतान को एसआईपी या म्युचुअल फंड में दोबारा निवेश करके निवेशक संभावित रूप से 80 से 100 फीसदी रिटर्न कमा सकते हैं।
इस मॉडल के तहत 100 इलेक्ट्रिक वाहनों में 45 लाख रुपये लगाने वाले निवेशक को हर महीने 1.6 से 1.9 लाख रुपये मिलते हैं जो तीन वर्षों में 60 से 66 लाख रुपये तक पहुंच जाते हैं। गुप्ता ने बताया, ‘चूंकि रिटर्न मासिक मिलता है। इसलिए निवेशक निवेश पर रिटर्न बढ़ाने के लिए उस पैसे को दोबारा निवेश कर सकते हैं।’