वित्तीय संकट का सामना कर रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (वी) ने कहा कि वह शुल्क दरें बढ़ाने से नहीं हिचकेगी, साथ ही उम्मीद जताई कि पैसे जुटाने की योजना तीन महीने में पूरी हो जाएगी। तिमाही नतीजों के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी के प्रबंधन ने आज इसकी जानकारी दी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वोडाफोन आइडिया का घाटा कम होकर 7,218 करोड़ रुपये रहा, लेकिन इसका परिचालन प्रदर्शन प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में कमजोर रहा। सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) का 58,000 करोड़ रुपये का बकाया और बैंक गारंटी का पुनर्वित्त कंपनी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
वोडाफोन आइडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि अब तक कंपनी को वोडाफोन पीएलसी से 2,000 करोड़ रुपये मिले हैं और 2017 के विलय समझौते के तहत ब्रिटेन की प्रवर्तक कंपनी से अतिरिक्त 6,400 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। वोडाफोन पीएलसी से प्राप्त यह राशि एजीआर बकाया और मार्च 2022 में देय अगली किस्त से जुड़ी है।
दूरसंचार कंपनी लगातार कहती रही है कि मौजूदा शुल्क दरें उपयुक्त नहीं हैं और दरों में इजाफा करने की सख्त जरूरत है। वोडाफोन आइडिया के प्रबंधन निदेशक रविंदर टक्कर ने कहा कि कंपनी शुल्क दरों में इजाफा करने के लिए सबसे पहले कदम बढ़ाने से नहीं हिचकेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने पहले भी ऐसा किया है और दोबारा ऐसा कर सकते हैं।’ टक्कर ने कहा कि ऐसे संकेत हैं कि प्रतिस्पर्धी कंपनियां भी शुल्क दरें बढ़ा सकती हैं। पहले चरण में कंपनियों के लिए प्रति यूजर औसत राजस्व कम से कम 200 रुपये होना चाहिए।
शुल्क दरों में वृद्घि से वोडा आइडिया को अतिरिक्त नकदी जुटाने और घाटा कम करने में मदद मिलेगी। कंपनी 4जी सेवाओं के विस्तार और नेटवर्क में सुधार पर भी ध्यान दे रही है। इसका प्रति यूजर औसत राजस्व 119 रुपये है जबकि भारती एयरटेल का प्रति यूजर औसत राजस्व 162 रुपये है। टक्कर ने कहा कि कंपनी का पैसा जुटाने की योजना सही दिशा में चल रही है।
