भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को छद्म (शैडो) बैंकों द्वारा अदाणी समूह की कंपनियों को स्वीकृत और वितरित की गई कुल क्रेडिट सुविधाओं का ब्योरा मांगा। मांगा गया यह विस्तृत डेटा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की कुल स्वीकृत सीमा और वर्ष 2022-23 (वित्त वर्ष 23) की तीसरी तिमाही में समूह की बकाया राशि, चौथी तिमाही तक मिलने वाली कुल अनुबंधात्मक राशि और कुल अनुबंधात्मक व्यय से संबंधित है।
1 अक्टूबर, 2022 को NBFC के संबंध में बड़े स्तर पर पर्यवेक्षण की शुरुआत के बाद उठाया जाने वाला यह RBI का पहला कदम है और किसी बड़े समूह पर केंद्रित रहने वाला भी पहला कदम है। यह स्वच्छता का ऐसा उपाय है, जो सुनिश्चित करता है कि अदाणी ग्रुप के ऋण जोखिम की वजह से NBFC को तरलता की कोई चिंता नहीं है।
बैंकों और अब NBFC से प्राप्त आंकड़ों से बैंकिंग क्षेत्र का विनियामक अदाणी समूह में अपनी विनियमित संस्थाओं के संपूर्ण ऋण जोखिम की पूरी तस्वीर हासिल करना चाहता है। केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षण विभाग द्वारा जारी नवीनतम पत्र में इसका महत्त्व नजर आया है, जब उसने NBFC को दिन (मंगलवार) के आखिर तक अदाणी समूह की कंपनियों के ऋण जोखिम के संबंध में आंकड़े जमा करने के लिए कहा था। बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी यह पत्र देखा है।
NBFC से पिछले 10 दिनों में पर्यवेक्षण विभाग द्वारा मांगा गया यह डेटा का तीसरा भाग है। बड़े जोखिमों के संबंध में पहला ब्योरा 21 फरवरी को और शेयरों के बदले ऋण के संबंध में दूसरी बार ब्योरा 24 फरवरी को मांगा गया था।
एक प्रमुख NBFC के अधिकारी ने कहा कि NBFC के ऋण जोखिम के मामले में सामान्य रूप से उनमें जोखिम भरे कारोबार को उधार देने की प्रवृत्ति रहती है और क्रेडिट का मूल्य निर्धारण इस बात को दर्शाता है।
एक अन्य व्यक्ति ने अनुमान जताया है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज और दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन (जिसे अब पिरामल कैपिटल ऐंड हाउसिंग फाइनैंस के रूप में जाना जाता है) प्रकरण के परिणाामस्वरूप इन संस्थाओं पर अपनी निगरानी सुव्यवस्थित करने के बाद RBI बार-बार NBFC के संबंध में जानकारी मांग रहा है।
NBFC के लिए विनियामक संरचना में अब उनके आकार, गतिविधि और दिखने वाले जोखिम के आधार पर चार स्तर शामिल होते हैं – आधार, मध्य और शीर्ष स्तर।
RBI ने कहा था कि आदर्श रूप में शीर्ष स्तर खाली रहने की उम्मीद है और इसे NBFC के शीर्ष स्तर के रूप में जाना जाएगा। शीर्ष वित्तीय उद्योग के सूत्रों ने कहा कि RBI अपनी सभी विनियमित संस्थाओं, मुख्य रूप से बैंकों और NBFC का अदाणी समूह में कुल ऋण जोखिम का अंदाजा लगाना चाहता है।