देश का ग्रीन बिल्डिंग (पर्यावरण अनुकूल भवन) बाजार वित्त वर्ष 32 तक 10.5 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ 85 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। इसे निवेशकों और किरायेदारों की ओर से प्रमाणित स्थानों की बढ़ती मांग से बढ़ावा मिलेगा। मुंबई के निवेश बैंक इक्विरस कैपिटल के आंकड़ों से यह बात जाहिर होती है।
पिछले साढ़े पांच वर्षों के दौरान बाजार में आने वाली प्रमाणित हरित जगहों की आपूर्ति गैर-प्रमाणित संपत्तियों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक रही है। इस दौरान प्रमाणित इमारतों में उपभोग लगभग 1.75 गुना अधिक रहा जो पर्यावरण अनुकूल जगहों के प्रति उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि दर्शाता है। साल 2020 और साल 2025 की पहली छमाही के बीच प्रमाणित भवनों में पट्टेदारी की गतिविधियां नई आपूर्ति से लगभग 6 प्रतिशत अधिक रहीं और इस तरह पर्यावरण अनुकूल संपत्तियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई।
इक्विरस कैपिटल ने प्रमाणित पर्यावरण अनुकूल इमारतों के कई लाभों पर जोर दिया और कहा कि वे मजबूत वित्तीय प्रतिफल, कम परिचालन लागत और बाजारों में बेहतर ब्रांड तथा उपभोग मूल्य प्रदान करती हैं।
बेंगलूरु में आईजीबीसी प्लैटिनम से प्रमाणित लक्जरी आवासों ने पारंपरिक परियोजनाओं की तुलना में 12 प्रतिशत का रीसेल प्रीमियम हासिल किया। गुरुग्राम में एक लीड गोल्ड से प्रमाणित कार्यालय परिसर को प्रतिस्पर्धी परिसर की तुलना में 18 प्रतिशत किराया अधिक मिला जबकि उसने 10 प्रतिशत कम रिक्ति दर भी दर्ज की।
मैसूर में लीड प्लैटिनम से प्रमाणित एशिया के सबसे बड़े परिसरों में से एक ने परिचालन लागत में सालाना 6 करोड़ रुपये की कमी की, जिससे दीर्घकालिक परिसंपत्ति मूल्यांकन में वृद्धि हुई। वर्ल्ड ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (2023) के अनुसार वैश्विक स्तर पर अमेरिका में पर्यावरण अनुकूल कार्यालयों का किराया 8 से 10 प्रतिशत अधिक है।