facebookmetapixel
20% रिटर्न दे सकता है ये Power Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा– वैल्यूएशन है अच्छा, BUY का मौकाराम मंदिर निर्माण का काम हुआ पूरा, 25 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे ध्वज स्थापनाOnline seed booking: अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की सुधरेगी उपलब्धता, किसान ऑनलाइन बुक कर सकेंगे बीजबिहार के बाद अब 12 राज्यों में शुरू होगा एसआईआर, 51 करोड़ मतदाता होंगे शामिलडेट सिक्युरिटीज में रिटेल निवेशकों को मिल सकता है इंसेंटिव, सेबी का नया प्रस्तावIndian Oil Q2 Results: इंडियन ऑयल का मुनाफा कई गुना बढ़ा, Q2 में ₹13,288 करोड़ का नेट प्रॉफिटRAC टिकट क्या है? बिना डर करें रेल यात्रा, सीट की गारंटी तयQ2 नतीजों के बाद SBI Cards पर बंटी राय – कहीं ₹700 का खतरा, तो कहीं ₹1,100 तक की उम्मीदऑल टाइम हाई पर दिग्गज Tata Stock, ब्रोकरेज ने अपग्रेड की रेटिंग, कहा-खरीद लें; अभी 30% और चढ़ेगा51% उछला सोना, सिर्फ 6% बढ़े शेयर! ब्रोकरेज ने बताया अब कहां पैसा लगाने पर मिलेगा बेहतर रिटर्न

51% उछला सोना, सिर्फ 6% बढ़े शेयर! ब्रोकरेज ने बताया अब कहां पैसा लगाने पर मिलेगा बेहतर रिटर्न

पिछले 12 महीनों में सोना 51% चढ़ा जबकि निफ्टी सिर्फ़ 6% बढ़ा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट बताती है

Last Updated- October 27, 2025 | 3:17 PM IST
Gold Silver

पिछले 12 महीनों में सोने की कीमतों ने जबरदस्त उछाल मारी है। डॉलर के मुकाबले सोने में 51% की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स सिर्फ़ 6% ही बढ़ पाया है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की 23 अक्टूबर की स्ट्रैटेजी रिपोर्ट के अनुसार, इस भारी अंतर ने फिर से एक पुरानी बहस को जन्म दे दिया है। जब शेयर बाजार कमजोर होता है, तो क्या निवेशकों को अपनी बचत का बड़ा हिस्सा सोने में लगाना चाहिए?

लेकिन कोटक का जवाब है, इतनी जल्दी नहीं! रिपोर्ट में कहा गया है, “शेयर निवेश हैं, सोना बीमा है।” यानी दोनों का मकसद बिल्कुल अलग है।

क्यों बढ़ रहा है सोन, और क्या ये सच में ठोस कारण हैं?

कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार सोने की तेजी के पीछे ‘डर’ नहीं बल्कि निवेशकों की बढ़ती मांग है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के जरिए सोने में निवेश काफी बढ़ा है, जबकि ज्वेलरी की मांग लगभग स्थिर बनी हुई है।

कोटक का कहना है कि सोने की इस रैली के पीछे ‘करेंसी की कमजोरी’ या ‘सरकारी खर्च के डर’ जैसी दलीलें टिकती नहीं हैं। असल में पिछले तीन सालों में ज्यादातर देशों में मनी सप्लाई घटी है, बढ़ी नहीं। इसका मतलब, सोने की यह तेजी ज्यादातर FOMO (Fear of Missing Out) यानी ‘दूसरों को मुनाफा कमाते देखकर पीछे न रह जाने’ की भावना से प्रेरित है।

भारतीय घरानों का सोने से पुराना रिश्ता

भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं, एक भावनात्मक जुड़ाव है। कोटक के आंकड़े बताते हैं कि 2011 से 2025 के बीच, भारत ने 460 अरब डॉलर के सोने और कीमती पत्थरों का आयात किया, जबकि इसी अवधि में विदेशी निवेशकों ने कुल 200 अरब डॉलर का निवेश भारतीय शेयर और बॉन्ड बाजार में किया। यानी भारतीय परिवारों ने विदेशी निवेशकों से कहीं ज्यादा पैसा सोने में लगाया।

रिपोर्ट के अनुसार, सोने की यह दीवानगी देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर डालती है। भारत में सोने का घरेलू उत्पादन लगभग शून्य है, इसलिए जितना ज्यादा सोना खरीदा जाता है, उतना ही देश का ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) बढ़ता है। कई बार सोने का आयात भारत के करंट अकाउंट डेफिसिट (चालू खाता घाटे) से दोगुना तक पहुंच चुका है।

क्या शेयर बाजार फिर भी बेहतर विकल्प है?

कोटक का मानना है कि भले ही फिलहाल शेयर बाजार का प्रदर्शन कमजोर दिख रहा हो, लेकिन लंबी अवधि में इक्विटी ही असली संपत्ति बनाती है। रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी की कमाई (Earnings) FY26 में 10.4%, FY27 में 16.2%, और FY28 में 13.8% बढ़ने का अनुमान है। वैल्यूएशन भी 23.5 गुना (P/E) से घटकर FY28 तक 17.7 गुना तक आने की उम्मीद है। यानी निवेश के लिए माहौल और बेहतर हो सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि 2025 में विदेशी निवेशक (FPI) भारतीय शेयरों से लगभग 16 अरब डॉलर निकाल चुके हैं, जबकि घरेलू निवेशक (DII) यानी भारतीय म्युचुअल फंड और इंश्योरेंस कंपनियां 70 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश कर चुकी हैं। यह दिखाता है कि भारतीय घरानों का भरोसा अभी भी देश के शेयर बाजार पर टिका है।

कौन रखता है भारत का ज्यादातर सोना?

कोटक की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला आंकड़ा है। भारत के कुल घरेलू सोने का 70% हिस्सा कम आय वाले परिवारों के पास है, यानी वे जो सालाना ₹5 लाख से कम कमाते हैं (2021 के भावों पर)। इन परिवारों के लिए सोना निवेश नहीं बल्कि संकट के समय की सुरक्षा है। यानी जरूरत पड़ने पर गिरवी रखने या बेचने लायक संपत्ति। इसके उलट, ऊंची आमदनी वाले परिवार सोने को अपने निवेश पोर्टफोलियो का 5–10% हिस्सा रखते हैं, बाकी पैसा शेयर, फिक्स्ड इनकम और रियल एस्टेट में लगाते हैं।

Also Read | LensKart IPO: 31 अक्टूबर को खुलेगा ₹7,278 करोड़ का आईपीओ, प्राइस बैंड ₹382-₹402 तय; जानिए हर डीटेल

निवेशकों के लिए सबक क्या है?

कोटक की सलाह साफ है

  • सोने के हालिया रिटर्न देखकर अंधाधुंध निवेश न करें।
  • सोने को बीमा की तरह रखें, मुख्य निवेश की तरह नहीं।
  • अपने पोर्टफोलियो का 5–10% हिस्सा ही गोल्ड में लगाएं। वो भी ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जैसे डिजिटल माध्यमों से, ताकि स्टोरेज और इंपोर्ट की दिक्कत न हो।
  • बाकी निवेश शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में ही रखें, जहां लंबी अवधि में कमाई की सबसे ज्यादा संभावना है।

First Published - October 27, 2025 | 3:17 PM IST

संबंधित पोस्ट