भारतीय स्टेट बैंक की सहयोगी कंपनी एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज (SBI Cards and Payment Services) ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए। कंपनी का शेयर शुक्रवार को 0.21% बढ़कर ₹930.40 पर बंद हुआ। वहीं बीएसई सेंसेक्स में 0.41% की गिरावट दर्ज की गई और यह 84,211.88 पर बंद हुआ।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एसबीआई कार्ड की रेटिंग घटाकर होल्ड कर दी है और टारगेट प्राइस ₹1,025 रखा है। फर्म का कहना है कि फिलहाल शेयर में ज्यादा बढ़त की गुंजाइश नहीं है और कंपनी का रिटर्न ऑन एसेट (RoA) सामान्य स्तर से नीचे रह सकता है।
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी अंडरवेट रेटिंग बरकरार रखी है, लेकिन टारगेट प्राइस घटाकर ₹700 कर दिया है। फर्म का कहना है कि एसबीआई कार्ड का वैल्यूएशन काफी ऊंचा है और बाजार की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं। इसके अनुसार, कंपनी की ग्रोथ और मुनाफे में कुछ जोखिम बने हुए हैं।
दूसरी तरफ, आईसीआईसीआई डायरेक्ट का कहना है कि अब एसबीआई कार्ड की हालत पहले से बेहतर है। कंपनी पर बकाया पैसा कम हो रहा है और उधार पर होने वाला नुकसान भी घट रहा है। त्योहारों के समय और बड़ी कंपनियों के ज्यादा खर्च करने से कंपनी की कमाई बढ़ने की उम्मीद है। इसी वजह से फर्म ने कहा है कि अब यह शेयर खरीदने लायक है और इसका टारगेट प्राइस ₹1,100 रखा गया है।
कंपनी का मुनाफा ₹445 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹404 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन पहली तिमाही के ₹556 करोड़ से कम है। कंपनी की कुल आमदनी ₹4,961 करोड़ रही, जो पिछले साल से 12% और पिछली तिमाही से 1.7% बढ़ी है। इस तिमाही में कंपनी ने 9.36 लाख नए कार्ड जारी किए, जो पिछली तिमाही से 7% ज्यादा हैं। कुल खर्च ₹1,07,063 करोड़ तक पहुंच गया, जो साल-दर-साल 31% और पिछली तिमाही से 15% ज्यादा है।
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कंपनी की बकाया राशि ₹59,845 करोड़ रही, जो पिछले साल से 8% ज्यादा है। फंड की लागत घटकर 6.4% रही और नेट ब्याज मार्जिन 11.2% पर स्थिर रहा। त्योहारों के प्रचार अभियान की वजह से खर्च बढ़ गया और कॉस्ट टू इनकम अनुपात 56.8% हो गया। कंपनी की हालत पहले से बेहतर हुई है क्योंकि क्रेडिट कॉस्ट घटकर 9% पर आ गई है। कुल एनपीए 2.85% और शुद्ध एनपीए 1.29% रहा।
कंपनी का कहना है कि अगले दो तिमाहियों में क्रेडिट कॉस्ट यानी उधार पर होने वाला नुकसान और कम होगा और यह 9% से नीचे रह सकता है। कंपनी ने बताया कि पूरे साल में कॉस्ट टू इनकम अनुपात यानी खर्च और आमदनी का अनुपात 54 से 56% के बीच रह सकता है। उनका कहना है कि कॉर्पोरेट खर्च बढ़ने की वजह से यह आंकड़ा ऊपरी स्तर यानी करीब 56% तक जा सकता है। साथ ही, कंपनी ने अपने बकाया ऋण की वृद्धि का अनुमान घटाकर 10 से 12% कर दिया है, जो पहले 12 से 14% रखा गया था।
कंपनी का मुनाफा बढ़ा है, लेकिन बाजार की राय अलग-अलग है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर का भाव पहले से ही ऊंचा है, जबकि कुछ को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में खर्च बढ़ने और उपभोग में सुधार से कंपनी के नतीजे और बेहतर होंगे।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोमिखों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)