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RAC टिकट क्या है? बिना डर करें रेल यात्रा, सीट की गारंटी तय

यदि चार्ट तैयार होने से पहले किसी यात्री की कन्फर्म टिकट कैंसिल होती है, तो सबसे पहले उसी बर्थ पर RAC टिकट को कन्फर्म किया जाता है।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- October 27, 2025 | 4:20 PM IST

ट्रेन में सीट न मिलने का डर अक्सर यात्रियों को परेशान कर देता है, खासकर जब टिकट वेटिंग लिस्ट में हो। लेकिन अगर आपके टिकट पर RAC स्टेटस लिखा है, तो चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। यह भारतीय रेलवे की खास सुविधा है, जिसमें ट्रेन में सफर की गारंटी होती है, भले ही पूरी बर्थ न मिले।

क्या होता है RAC टिकट?

RAC यानी Reservation Against Cancellation. यह टिकट उन स्थितियों में काम आता है, जब किसी कन्फर्म टिकट वाले यात्री की बुकिंग कैंसिल हो जाए। ऐसे में वह बर्थ RAC यात्री को मिल जाती है।

जब तक सीट पूरी तरह कन्फर्म न हो, तब तक RAC यात्री को आधी बर्थ पर बैठकर यात्रा करने की अनुमति होती है. एक बर्थ पर दो RAC यात्रियों को जगह दी जाती है, यानी बैठने के लिए सीट तय रहती है।

क्यों बेहतर है RAC वेटिंग टिकट से?

  • वेटिंग टिकट पर ट्रेन में चढ़ने की मंजूरी नहीं होती
  • लेकिन RAC टिकट वाले कानूनी तौर पर यात्रा कर सकते हैं
  • सीट मिलने की 100% गारंटी रहती है

कब कन्फर्म होती है RAC टिकट?

यदि चार्ट तैयार होने से पहले किसी यात्री की कन्फर्म टिकट कैंसिल होती है, तो सबसे पहले उसी बर्थ पर RAC टिकट को कन्फर्म किया जाता है। कई बार यात्रा शुरू होने से कुछ मिनट पहले भी कैंसिलेशन होने पर RAC धारकों को पूरी बर्थ मिल जाती है। इसलिए RAC टिकट होने पर आखिरी समय तक सीट कन्फर्म होने की उम्मीद रहती है।

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RAC टिकट के फायदे

RAC टिकट वाले यात्रियों को:

  • ट्रेन में सफर की 100% गारंटी
  • आधी बर्थ पर बैठने की सुविधा
  • पूरी बर्थ मिलने की संभावना
  • वेटिंग की तुलना में कम जोखिम
  • रिफंड से जुड़े झंझट का सामना नहीं करना पड़ता
First Published : October 27, 2025 | 4:20 PM IST