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NBFCs CareEdge Ratings: नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को टू-व्हीलर सेगमेंट से डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है। केयरऐज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के टू-व्हीलर फाइनेंस सेगमेंट में 18-19% की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। हालांकि, टू-व्हीलर की रिटेल बिक्री की रफ्तार कुछ धीमी पड़ सकती है, लेकिन साल की दूसरी छमाही में सुधार की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, FY21 में जहां औसत टू-व्हीलर लोन ₹86,111 था, वहीं FY25 में यह बढ़कर ₹1,14,929 हो गया। यह बढ़ोतरी मूल्य वृद्धि, महंगे रॉ मटेरियल, और OBD-II फेज-B उत्सर्जन मानकों के लागू होने के बाद वाहनों की बढ़ी लागत के चलते हुई है। ग्राहकों में अब हाई-क्यूबिक कैपेसिटी बाइक और स्कूटर के प्रति झुकाव बढ़ रहा है। यानी, बाजार में प्रीमियम सेगमेंट की मांग तेज हो रही है। NBFCs का टू-व्हीलर फाइनेंस पोर्टफोलियो FY21 से FY25 के बीच 22% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है और 31 मार्च 2025 तक ₹1.12 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया।
केयरऐज रेटिंग्स के संजय अग्रवाल (Senior Director – BFSI) ने कहा, “FY26 में NBFCs के 2W फाइनेंस पोर्टफोलियो में 18-19% की ग्रोथ की उम्मीद है। हालांकि, फाइनेंसर अब बेहतर क्वालिटी वाले ग्राहकों पर फोकस कर रहे हैं और सावधानी से अंडरराइटिंग कर रहे हैं।” रिपोर्ट में बताया गया है कि NBFCs अब भी 2W फाइनेंस मार्केट में 68.5% हिस्सेदारी रखते हैं, जबकि पब्लिक और प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी घट रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, FY21 से FY25 के बीच घरेलू टू-व्हीलर बिक्री 9% CAGR से बढ़ी, लेकिन FY25 में यह 8% पर आ गई। इसकी मुख्य वजह हाई बेस इफेक्ट, कमजोर ग्रामीण मांग और NBFCs की सतर्क लेंडिंग पॉलिसी है।
रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि FY26 में बिक्री 6-7% की दर से बढ़ सकती है। सितंबर 2025 में जीएसटी कटौती (28% से घटाकर 18%), अच्छे मॉनसून से रूरल इनकम में इजाफा और फेस्टिव सीजन में डिमांड बढ़ने से बिक्री को सपोर्ट मिला। पहली तिमाही (Q1FY26) में टू-व्हीलर बिक्री 48 लाख यूनिट्स रही, जो सालाना आधार पर 5% ज्यादा है।
रिपोर्ट के अनुसार, NBFCs FY26 में क्रेडिट कॉस्ट 3.9%-4.1% के दायरे में बनाए रखेंगे। NBFCs अब तेज लोन अप्रूवल, सीमित डॉक्युमेंटेशन, और अनबैंक्ड मार्केट्स पर फोकस कर रहे हैं, जिससे उन्हें हाई-रिस्क लेकिन हाई-रिटर्न वाले ग्राहक सेगमेंट में मजबूती मिल रही है।
एंट्री-लेवल बाइक्स की बिक्री FY25 में 8% बढ़ी है। वहीं एग्जीक्यूटिव और प्रीमियम मोटरसाइकिल्स की बिक्री क्रमशः 12% और 10% इजाफा दर्ज किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ₹1-1.5 लाख की लोन रेंज में दिए जाने वाले डिस्बर्समेंट्स में सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। जबकि, ₹1.5 लाख से ऊपर कीमत वाले टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी FY21 के 6% से बढ़कर FY25 में 15% हो गई।