अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APESZ) ने मंगलवार को ऐलान किया कि गौतम अदाणी ने कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन (एग्जीक्यूटिव चेयरमैन) का पद छोड़ दिया है। यह बदलाव 5 अगस्त 2025 से लागू होगा। अब गौतम अदाणी कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में काम करेंगे और वे कंपनी के मैनेजरियल रोल में नहीं रहेंगे। अदाणी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी ने 33 साल के अपने अनुभव से ग्रुप को संसाधन, लॉजिस्टिक्स और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाया है।
कंपनी ने यह भी बताया कि मनीष केजरीवाल को तीन साल के लिए अतिरिक्त नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। मनीष एक प्राइवेट इक्विटी फर्म के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर हैं। अदाणी पोर्ट्स ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी। मंगलवार को दोपहर 3 बजे BSE पर अदाणी पोर्ट्स के शेयर 2.60% की गिरावट के साथ 1,352.80 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे।
Also Read: Adani Group ने BYD और चीनी कंपनियों से साझेदारी की खबर को बताया अफवाह
अदाणी पोर्ट्स ने इस तिमाही में 21% की सालाना राजस्व बढ़ोतरी दर्ज की है, जिसमें लॉजिस्टिक्स और मरीन कारोबार में क्रमशः दोगुना और 2.9 गुना बढ़ोतरी ने बड़ी भूमिका निभाई। कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक और CEO अश्वनी गुप्ता ने कहा कि लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस में इस शानदार उछाल ने कंपनी की इस तिमाही की सफलता को मजबूती दी है। इसके अलावा, कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया के NQXT पोर्ट को खरीदने की घोषणा की है, जो 50 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाला एक गहरा समुद्री टर्मिनल है।
बता दें कि अदाणी पोर्ट्स भारत में पोर्ट डेवलपमेंट और ऑपरेशन में सबसे बड़ी कंपनी है। यह भारत के कुल कार्गो बाजार में 27.8% और कंटेनर बाजार में 45.2% हिस्सेदारी रखती है। कंपनी के पास पश्चिमी तट पर 6, दक्षिणी तट पर 5 और पूर्वी तट पर 4 पोर्ट और टर्मिनल हैं, जो देश के कुल पोर्ट वॉल्यूम का 28% हिस्सा हैं। हाल ही में कंपनी ने कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत काम शुरू किया है, जिसकी सालाना क्षमता 3.2 मिलियन TEU है।